उत्तराखण्ड
“टैगोर बनने की प्रेरणा लेकर लौटा गांव का बालक: रामनगर में लकीजी गुप्ता का अनोखा सोलो नाटक”
“गरीबी के बीच संघर्ष और सपनों की उड़ान: रामनगर में ‘माँ मुझे टैगोर बना दे’ का शानदार मंचन”
रामनगर (नैनीताल) राजकीय इंटर कॉलेज ढेला में आज प्रसिद्ध थिएटर कलाकार लकीजी गुप्ता द्वारा एकल नाटक “माँ मुझे टैगोर बना दे” का मंचन किया गया। यह नाटक चौदह वर्षों से लगातार चल रहा है और अब तक पूरे देश में 1500 से अधिक शो का आयोजन कर चुका है।
नाटक की कहानी एक गांव के प्रतिभाशाली बच्चे पर आधारित है, जो टैगोर से प्रेरित होकर कविताएं और कहानियां लिखता है। उसका सपना है कि एक दिन वह भी टैगोर जैसा महान लेखक बनेगा, लेकिन गरीबी और पारिवारिक कठिनाइयों के चलते उसे कई संघर्षों का सामना करना पड़ता है। जब उसके पिता की अचानक मृत्यु हो जाती है, तो वह अपना सपना छोड़ मजदूरी करने पर मजबूर हो जाता है। इसके बावजूद, वह हार नहीं मानता और अपने संघर्ष के बाद फिर से परीक्षा देकर सफलता हासिल करता है। नाटक के अंत में वह फैसला करता है कि वह टैगोर बनने के बजाय गांव के बच्चों को पढ़ाएगा और उन्हें टैगोर बनने की प्रेरणा देगा।
लकीजी गुप्ता का यह सोलो प्रदर्शन अपने हास्य और भावुकता के बीच दर्शकों को बांधे रखने में सफल रहा। लकीजी ने अपने थिएटर करियर की शुरुआत 2003 में जम्मू से की थी और तब से 20 से अधिक नाटकों में अभिनय और 10 से अधिक मंच प्रदर्शनों का निर्देशन कर चुके हैं। उन्होंने देशभर में 15 वर्षों तक बच्चों के साथ काम किया है और 100 से अधिक बच्चों की कार्यशालाओं का आयोजन किया है।
कार्यक्रम में प्रधानाचार्य राम यादव सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।