उत्तराखण्ड
ऑपरेशन कालनेमि का दावा: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला धर्मांतरण गिरोह, दून पुलिस के मुताबिक दुबई और पाकिस्तान से जुड़ते हैं तार
ऑपरेशन कालनेमि का दावा: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला धर्मांतरण गिरोह, दून पुलिस के मुताबिक दुबई और पाकिस्तान से जुड़ते हैं तार
देहरादून, 26 जुलाई 2025 (एटम बम न्यूज़):
देहरादून पुलिस ने ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत कथित धर्मांतरण गिरोह के खिलाफ एक और केस दर्ज किया है। पुलिस का दावा है कि यह कोई मामूली गिरोह नहीं, बल्कि एक संगठित और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क है, जो खासतौर पर महिलाओं और युवतियों को निशाना बनाता है।
पुलिस की ओर से जारी प्रेस नोट के मुताबिक इस गिरोह के तार पाकिस्तान, दुबई और कश्मीर तक जुड़ते हैं। दून पुलिस का दावा है कि इस गिरोह की ‘मोदस ऑपरेंडी’ बहुत ही सटीक और योजनाबद्ध है—पहले सोशल मीडिया के जरिये संपर्क, फिर भावनात्मक सहानुभूति, फिर कुरान की ऑनलाइन शिक्षा, और अंत में धर्मांतरण व निकाह।
दो केस दर्ज, दोनों में जुड़ी कड़ियाँ
पुलिस ने रानीपोखरी थाना और प्रेमनगर थाना में दो अलग-अलग पीड़िताओं की शिकायतों पर उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2018 के तहत मुकदमे दर्ज किए हैं।
- पहला केस रानीपोखरी की एक 21 वर्षीय युवती का है जिसे सोशल मीडिया के जरिए झांसे में लिया गया।
- दूसरे केस में प्रेमनगर क्षेत्र की 28 वर्षीय युवती उर्फ सुमैया शामिल है जो बरेली से पढ़ाई के लिए देहरादून आई थी।
पुलिस की पूछताछ में दावा किया गया है कि दोनों मामलों के पीछे एक ही नेटवर्क सक्रिय है, जिसकी जड़ें मुजफ्फरनगर, दिल्ली, गोवा, झारखंड, कश्मीर, पाकिस्तान और दुबई तक फैली हैं।
पुलिस का दावा: सोशल मीडिया से शुरू होता है जाल
रानीपोखरी पीड़िता का कथित धर्मांतरण एक युवक अबु तालिब द्वारा फेसबुक के माध्यम से शुरू हुआ, जिसने युवती को व्हाट्सएप पर कलमा पढ़वाया और “अब तुम मरियम बन चुकी हो” कहकर उसका नाम बदल दिया। इस केस में दिल्ली, सहसपुर और गोवा के कई आरोपी शामिल हैं।
वहीं दूसरी पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसने लूडो स्टार ऐप पर पाकिस्तान के मौलवी तनवीर अहमद से दोस्ती की और जूम ऐप के ज़रिए कुरान की क्लास लेने लगी। बाद में दुबई में रह रहे पाकिस्तानी तहसीन और उसके भारतीय दोस्त सुलेमान के ज़रिए धन के लेन-देन की बात भी सामने आई, जिसकी पुष्टि पुलिस जांच में करने का दावा कर रही है।
दावा: “सेलीब्रिटी जैसा स्वागत” करके बढ़ाया जाता था आकर्षण
पुलिस का यह भी दावा है कि “Reverted Muslim” नामक ऑनलाइन समूहों के जरिए युवतियों को इस्लाम में आने के लिए प्रेरित किया जाता था। वहां उनका स्वागत “सेलीब्रिटी जैसी गर्मजोशी से” किया जाता, जिससे उनका झुकाव और बढ़ता।
गिरोह में शामिल प्रमुख नाम (पुलिस के दावे अनुसार)
- अबु तालिब (मुजफ्फरनगर)
- अब्दुर रहमान उर्फ रूपेन्द्र प्रताप (सहसपुर, देहरादून)
- अयान (झारखंड)
- आयशा उर्फ कृष्णा (गोवा)
- अब्दुल रहमान उर्फ महेन्द्र पाल सिंह (दिल्ली)
- सुलेमान (देहरादून निवासी, वर्तमान में दुबई में)
- मौलवी तनवीर अहमद (पाकिस्तान)
- तहसीन (पाकिस्तानी नागरिक, दुबई में)
दिल्ली से आधार बदलवाकर निकाह की योजना
प्रेमनगर की पीड़िता का दिल्ली में आधार कार्ड एड्रेस बदलवाया गया ताकि वहां से कन्वर्ज़न सर्टिफिकेट बनवाकर एक खास युवक से निकाह कराया जा सके। पुलिस का दावा है कि दिल्ली में ‘सेफ हाउस’ तक तय कर लिया गया था जहां पीड़िता को ले जाकर उसका धर्मांतरण कराया जाना था।
पुलिस की कार्यवाही का दावा
देहरादून पुलिस ने आगरा पुलिस के सहयोग से इन आरोपियों की संलिप्तता को जोड़ने का दावा किया है। पुलिस अब इन अभियुक्तों को कोर्ट से वॉरंट लेकर देहरादून लाने की तैयारी कर रही है।
बाकी आरोपियों की तलाश जारी
अयान और सुलेमान नामक दो अभियुक्त अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस का कहना है कि इनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें बनाई गई हैं और “ऑपरेशन कालनेमि” के तहत कार्यवाही जारी है।
पुलिस की ओर से किया गया यह दावा गंभीर है। यदि जांच में यह आरोप प्रमाणित होते हैं, तो यह उत्तराखंड में अंतरराष्ट्रीय स्तर के संगठित धर्मांतरण गिरोह की मौजूदगी का संकेत देता है। हालाँकि अभी यह पुलिस के शुरुआती खुलासे और दावे हैं, जिनकी सत्यता न्यायिक जांच व अदालत के फैसले पर ही आधारित होगी।
एटम बम न्यूज़
Source: देहरादून पुलिस प्रेस नोट संख्या 3881








