उत्तराखण्ड
महिला अपराधों पर आक्रोश: रामनगर में महिला एकता मंच ने भाजपा सरकार को जमकर लताड़ा
रामनगर (नैनीताल):देशभर में बढ़ते महिला अपराधों के खिलाफ आज रामनगर के मालधन में महिला एकता मंच ने ज़बरदस्त आक्रोश व्यक्त करते हुए जुलूस निकाला। महिलाओं और छात्राओं की भारी भीड़ ने सरकार की विफलता के खिलाफ नारे लगाए और इस बात पर ज़ोर दिया कि महिला सुरक्षा के दावों के बावजूद स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।
सभा का संचालन करते हुए सरस्वती जोशी ने भाजपा सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि महिला आरक्षण, सुरक्षा, और ‘लखपति दीदी’ जैसी घोषणाएं महज चुनावी जुमले बनकर रह गई हैं। देश में महिलाएं अब हर जगह असुरक्षित हैं—चाहे वो घर हो, स्कूल हो, कॉलेज या कार्यस्थल। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर सरकार किस दिशा में जा रही है जब हर दिन महिलाओं के खिलाफ नए-नए अपराध सामने आ रहे हैं?
सरकार पर आरोप: बेटी बचाओ का नारा एक ढोंग
मुख्य चौराहे पर हुई सभा में महिलाओं ने कोलकाता की डॉक्टर के बलात्कार और हत्या, सल्ट की नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार, और लालकुआं व सितारगंज की घटनाओं को उजागर करते हुए कहा कि यह भाजपा सरकार का असली चेहरा है। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा देने वाली यह सरकार अपने ही नेताओं और गुंडों को बचाने में लगी है। जब सरकार के संरक्षण में अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं, तो महिलाएं और लड़कियां कैसे सुरक्षित रहेंगी?
सख्त कानूनों के बावजूद नहीं रुक रहे अपराध
वक्ताओं ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सख्त कानून बनाने के बावजूद महिलाओं और बच्चियों पर होने वाले अपराधों में कोई कमी नहीं आई है। कानून तो बना दिए जाते हैं, पर असल समस्या समाज की गंदी मानसिकता है। पोर्नोग्राफी और महिलाओं का अश्लील चित्रण—सोशल मीडिया, फिल्मों, विज्ञापनों और संचार माध्यमों में—इन सब पर सख्त रोक लगाए बिना कुछ नहीं बदलेगा। महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता को समाज में जागरूक करना होगा, और इसके लिए शिक्षा प्रणाली में बदलाव की आवश्यकता है।
सभा में यह भी कहा गया कि सुरक्षा बलों और पुलिस प्रशासन को महिलाओं के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों की तत्काल जरूरत है।
आंदोलन की ज्वाला नहीं होगी शांत
आने वाले दिनों में यह आक्रोश और भड़केगा। 8 तारीख को कानिया चौराहे और 11 तारीख को सुन्दरखाल में भी बड़े प्रदर्शन किए जाएंगे। यह साफ हो चुका है कि अब महिलाएं चुप नहीं बैठेंगी और अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरेंगी।
प्रदर्शन में शामिल लोग:
इस ज़बरदस्त प्रदर्शन में समाजवादी मंच के मुनीष कुमार, युवा एकता मंच के इन्द्रजीत, किसान संघर्ष समिति के ललित उप्रेती, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के आसिफ मोहम्मद, और महिला एकता मंच की कौशल्या, दुर्गा सैनी, भगवती आर्या सहित बड़ी संख्या में महिलाएं और छात्राएं शामिल थीं।
यह प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि सरकार अब महिलाओं के आक्रोश को नजरअंदाज नहीं कर सकती। जनता सवाल कर रही है, और जवाब दिए बिना कोई बच नहीं पाएगा।