उत्तराखण्ड
पुलिस की लचर कार्यप्रणाली उजागरः चोरी के मामलों में मुकदमे दर्ज करने की बजाय पीड़ितों को टरकाने को तवज्जो
हल्द्वानी। पीड़ितों की फरियाद पर त्वरित कार्रवाई और अपराध नियंत्रण का दावा करने वाली पुलिस शिकायतों पर कार्रवाई को तवज्जो नहीं दे रही है। थाना-चौकियों में फरियादियों की शिकायत पर एक्शन नहीं हो रहा है। पीड़ितों को राहत पहुंचाने के बजाय पुलिस सोशल मीडियो में छाकर झूठी वाह-वाही लूटने का प्रयास कर रही है। अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दो माह पूर्व हुई चोरी के मामले में अब जाकर मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस को सौंपी तहरीर में राजारानी विहार में किराए के मकान में रहने वाले मूल रूप से सिंगपुर, कासगंज निवासी देवेश कुमार ने कहा है कि वह बीती 27 मई को अपनी मां का ईलाज कराने के लिए दिल्ली चला गया।
इस बीच चोरों ने बंद घर में धावा बोल दिया। इसका पता एक जून को तब लगा जब मकान मालिक घर पहुंचा। जब उसने वापस आकर देखा तो घर के ताले, दरवाजे टूटे हुए हैं और अलमारी का लॉकर भी टूटा हुआ है। चोर घर से लाखों की कीमत के सोने-चांदी के आभूषण ले उड़े हैं। इस मामले में पीड़ित ने पुलिस को दो जून को तहरीर सौंपी है। लेकिन पुलिस ने यह मुकदमा 12 अगस्त को दर्ज किया है।