उत्तराखण्ड
अल्मोड़ा: चौखुटिया में उबाल पर जनाक्रोश — स्वास्थ्य सेवाओं की मांग को लेकर रिटायर्ड सैनिक उतरे जल सत्याग्रह पर, समर्थन में लोग
अल्मोड़ा: चौखुटिया में उबाल पर जनाक्रोश — स्वास्थ्य सेवाओं की मांग को लेकर रिटायर्ड सैनिक उतरे जल सत्याग्रह पर, समर्थन में लोग
अल्मोड़ा/चौखुटिया।
सरकार की नाकामी और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल हालत से त्रस्त होकर अब जनता ने पानी को ही अपना मैदान बना लिया है। चौखुटिया में स्वास्थ्य सेवाओं की मांग को लेकर रिटायर्ड सैनिक हीरा सिंह पटवाल, खुशाल बिष्ट और मनीष भाई जल सत्याग्रह पर उतर आए हैं। तीनों लोगों ने पानी में उतरकर सरकार की आंखें खोलने की कोशिश की है।
यह आंदोलन अब एक जनलहर का रूप ले चुका है — क्षेत्र के दर्जनों लोग क्रमिक धरने पर बैठे हैं, जबकि आसपास के गांवों से लगातार समर्थन देने वालों की भीड़ आंदोलन स्थल पर उमड़ रही है।
इसी बीच भुवन भाई का आमरण अनशन सातवें दिन और भूपाल बौरा का आमरण अनशन दूसरे दिन भी जारी है। अनशनकारियों की हालत बिगड़ती जा रही है, लेकिन प्रशासन अब तक ठोस कार्रवाई करने से बच रहा है।
हालात को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर तैनात की गई है। सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं, लेकिन जनता का गुस्सा साफ झलक रहा है — “जब तक अस्पताल नहीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।”
स्थानीय लोगों का कहना है कि चौखुटिया जैसे दूरस्थ क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं नाम मात्र की रह गई हैं, आपात स्थिति में मरीजों को घंटों का सफर तय कर हल्द्वानी या अल्मोड़ा ले जाना पड़ता है। अब जनता चाहती है कि सरकार केवल बयान नहीं, ठोस कार्रवाई करे।
जल सत्याग्रह में उतरे पूर्व सैनिकों ने साफ कहा है —
“सेवा के बाद भी अगर हमें इलाज के लिए भीख मांगनी पड़े, तो यह व्यवस्था शर्मनाक है। अब या तो अस्पताल बनेगा या हम यहीं पानी में रहेंगे।”




