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उत्तराखण्ड

जनता की जीत: उत्तराखंड में बंद होंगी विवादित शराब की दुकानें, आबकारी विभाग का बड़ा फैसला

जनता की जीत: उत्तराखंड में बंद होंगी विवादित शराब की दुकानें, आबकारी विभाग का बड़ा फैसला

देहरादून।
शराब के खिलाफ आंदोलन कर महिलाओं की आवाज अब असर दिखा रही है।शराब ठेके के खिलाफ उठे आक्रोश के स्वर के बाद आबकारी विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। अब प्रदेश में इस वित्तीय वर्ष 2025 में खुली सभी नवसृजित शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है।

आबकारी आयुक्त हरि चंद्र सेमवाल ने 14 मई 2025 को सभी जिलाधिकारियों को निर्देश भेजते हुए स्पष्ट किया है कि जहां भी जनता का तीव्र विरोध है, वहां की शराब की दुकानें तत्काल प्रभाव से बंद की जाएं।

यह फैसला त्रिवर्षीय आबकारी नीति 2025 के नियम 28.1 और 28.4(a) के तहत लिया गया है, जिसमें जनभावनाओं, कानून व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द को सबसे ऊपर माना गया है।

जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश:

  • स्थानीय हालात और जनविरोध के आधार पर दुकानें बंद की जाएं।
  • यदि किसी दुकानदार ने पहले से राजस्व राशि जमा की है, तो उसकी वापसी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
  • दुकानों की बंदी से यदि राजस्व में कोई कमी आती है, तो उसकी सूचना भी शासन को भेजनी होगी।

कहां-कहां था भारी विरोध:

प्रदेशभर में कई जगह स्कूलों, मंदिरों और रिहायशी इलाकों के पास शराब की दुकानें खोल दी गई थीं, जिसके खिलाफ लोगों ने धरने, प्रदर्शन और ज्ञापन के जरिए सरकार तक अपनी बात पहुंचाई। खासकर महिलाओं और युवाओं ने इस मुद्दे को लेकर लगातार आवाज उठाई थी।

क्यों अहम है ये फैसला?

यह फैसला न सिर्फ जनभावनाओं का सम्मान करता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि लोकतंत्र में जनता की आवाज सबसे ऊपर है। लंबे समय से चल रहे विरोधों के बाद सरकार का यह रुख जनता में सकारात्मक संदेश भेज रहा है और उम्मीद है कि आगे भी जनहित को प्राथमिकता दी जाएगी।

उत्तराखंड सरकार का यह निर्णय जनता की भावनाओं की जीत है। अब देखना होगा कि इस फैसले को जमीनी स्तर पर कितनी गंभीरता से लागू किया जाता है। लेकिन इतना तय है कि यह कदम आने वाले समय में समाज में शांति और संतुलन कायम करने की दिशा में एक मजबूत शुरुआत है।

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