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राजाजी नेशनल पार्क के निदेशक के रूप में राहुल की नियुक्ति: वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन के क्षेत्र में नई दिशा

राजाजी नेशनल पार्क के निदेशक के रूप में राहुल की नियुक्ति: वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन के क्षेत्र में नई दिशा

देहरादून(एटम बम) आईएफएस राहुल को सरकार ने नई जिम्मेदारी सौंपी हैं. विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क के  निदेशक रह चुके राहुल को राजाजी नेशनल पार्क का निर्देशक बनाया गया हैं.

भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के अनुभवी अधिकारी राहुल की राजाजी टाइगर रिज़र्व के निदेशक के रूप में नियुक्ति एक महत्वपूर्ण कदम है, जो वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छूने की दिशा में है। राहुल की यह नियुक्ति इस बात का प्रमाण है कि सरकार ने वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन को और अधिक प्रभावी और संगठित बनाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है।

राहुल इससे पहले कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के निदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं, जहां उन्होंने वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया। कॉर्बेट में रहते हुए राहुल ने न केवल संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए, बल्कि पर्यटन के क्षेत्र में भी कॉर्बेट को नई पहचान दी। उनके नेतृत्व में कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व ने एक संरक्षित क्षेत्र के रूप में उल्लेखनीय प्रगति की, जिससे वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को व्यापक समर्थन मिला। उनके कार्यकाल में कई नए क्षेत्र और जोन पर्यटकों के लिए खोले गए, जो कि पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ बनाने में सहायक साबित हुए।

राहुल की राजाजी टाइगर रिज़र्व के निदेशक के रूप में नियुक्ति का स्वागत विभिन्न स्तरों पर किया जा रहा है। बीजेपी के प्रबुद्ध प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष गणेश रावत ने राहुल की नियुक्ति का स्वागत करते हुए उनकी खूबियों को रेखांकित किया। उन्होंने राहुल को उन चुनिंदा आईएफएस अधिकारियों में से एक बताया, जो अपनी सरलता, सेवाभाव, और जनसेवा के लिए जाने जाते हैं। राहुल ने कॉर्बेट में अपने कार्यकाल के दौरान जनता की समस्याओं को सुना और उनका त्वरित समाधान किया। उनके इस समर्पण और कार्यशैली ने उन्हें जनता के बीच बेहद लोकप्रिय बना दिया।

वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में राहुल की प्रतिबद्धता अद्वितीय रही है। उन्होंने कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में वन्यजीव संरक्षण के लिए कई नए कार्यक्रमों की शुरुआत की, जिनमें वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास को संरक्षित करने और उनकी संख्या में वृद्धि के लिए विशेष प्रयास शामिल थे। इसके साथ ही उन्होंने वन्यजीव संरक्षण के साथ पर्यटन को भी एक नई दिशा दी। उन्होंने पर्यटकों के लिए वन नियमों के अनुसार सुविधाओं में सुधार किया, जिससे पार्क में आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई और स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिले।

वन्यजीव विशेषज्ञ संजय छिमवाल ने भी राहुल की राजाजी टाइगर रिज़र्व के निदेशक के रूप में नियुक्ति का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राहुल के नेतृत्व में कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में संरक्षण और पर्यटन के क्षेत्र में काफी सकारात्मक कार्य हुए। उन्होंने नए जोन खोलकर और नेचर गाइड की ट्रेनिंग को फिर से शुरू करके न केवल पर्यटन को बढ़ावा दिया, बल्कि वन्यजीवों के प्रति जन जागरूकता भी बढ़ाई। राहुल के अनुभव और नेतृत्व में राजाजी टाइगर रिज़र्व में भी संरक्षण और पर्यटन के क्षेत्र में कई नए और सकारात्मक परिवर्तन होने की संभावना है।

राहुल की नई भूमिका में उन्हें राजाजी नेशनल पार्क के संरक्षण और विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जहां वे अपनी पूर्व की उपलब्धियों और अनुभव का पूरा उपयोग करेंगे। उनके नेतृत्व में राजाजी टाइगर रिज़र्व को भी वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छूने का अवसर मिलेगा।

अंत में, यह कहना उचित होगा कि राहुल की राजाजी नेशनल पार्क के निदेशक के रूप में नियुक्ति एक सकारात्मक कदम है, जो न केवल वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देगा, बल्कि पर्यावरण के प्रति लोगों की जागरूकता को भी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। राहुल की नेतृत्व क्षमता और उनके अनुभव के आधार पर, राजाजी टाइगर रिज़र्व को एक नए युग की ओर ले जाने की उम्मीद है, जहां वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन के क्षेत्र में संतुलित विकास होगा।

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