उत्तराखण्ड
रामनगर: लकड़ी तस्करी की सूचना पर जा रहे वनकर्मी की सड़क हादसे में मौत, एर्टिका और बुलेरो की आमने–सामने भिड़ंत
रामनगर: लकड़ी तस्करी की सूचना पर जा रहे वनकर्मी की सड़क हादसे में मौत, एर्टिका और बुलेरो की आमने–सामने भिड़ंत
रामनगर। नेशनल हाईवे–309 पर पीरूमदारा के पास शुक्रवार तड़के एक भीषण सड़क दुर्घटना में वन विभाग के चालक की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही वन विभाग में शोक की लहर दौड़ गई, वहीं परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
मिली जानकारी के अनुसार तराई पश्चिमी वन प्रभाग में चालक के पद पर तैनात मनीष बिष्ट (35 वर्ष), निवासी चिल्किया, को शुक्रवार सुबह करीब तीन बजे आमपोखरा रेंज में अवैध कटान और लकड़ी तस्करों की गतिविधियों की सूचना प्राप्त हुई। सूचना की पुष्टि के लिए मनीष विभाग की बुलेरो (यूके 04 जीडी 165) से हल्दुआ चौकी में तैनात अन्य वनकर्मियों को लेने निकले थे।
इसी दौरान पीरूमदारा के पास सामने से आ रही तेज रफ्तार एर्टिका (यूके 19 टीए 1342) ने बुलेरो को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। बुलेरो की ड्राइवर सीट पर बैठे मनीष बिष्ट की मौके पर ही मौत हो गई।
हादसे में एर्टिका कार में सवार तीन लोग—
• सुशीला देवी (60 वर्ष), पत्नी राधे राम, निवासी पौड़ी गढ़वाल
• आनंद बल्लभ जोशी, निवासी इंद्रपुरम, गाज़ियाबाद
• धर्मेंद्र सिंह, पुत्र गोपाल सिंह, निवासी थैलीसैण, पौड़ी गढ़वाल
गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को संयुक्त चिकित्सालय लाया गया, जहां से सुशीला देवी और आनंद बल्लभ जोशी की स्थिति गंभीर होने पर उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।
रेंज अधिकारी पूरन सिंह खनायत ने बताया कि तड़के तस्करी की सूचना मिलने पर मनीष अन्य वनकर्मियों को लेने जा रहे थे, तभी एर्टिका कार तेज रफ्तार और गलत दिशा से आकर बुलेरो से टकरा गई। उन्होंने कहा कि मनीष विभाग के सबसे समर्पित और कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारियों में से एक थे।
घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और दोनों वाहनों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। मनीष बिष्ट अपने पीछे एक पुत्र समेत परिवार को छोड़ गए हैं। उनके निधन से वन विभाग और स्थानीय क्षेत्र में गहरा शोक है।








