उत्तराखण्ड
रामनगर-कांग्रेस की हल्ला बोल रैली में गरजे नेता,अफसरों को रणजीत रावत की चेतावनी।
कांग्रेस की हल्ला बोल रैली में कोसा सरकार को
रामनगर। अतिक्रमण के नाम पर लोगों को उजाड़े जाने के खिलाफ कांग्रेस द्वारा बुधवार को हल्ला बोल रैली का आयोजन किया गया। जिसमें सैंकड़ों लोगों के साथ नेता प्रतिपक्ष व पूर्व सांसद ने भी हिस्सा लिया। बुधवार सुबह पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत के नेतृत्व में यह रैली वन परिसर पहुंचकर जनसभा में बदल गई। जहां वक्ताओं ने अतिक्रमण के नाम पर गरीबों को उजाड़ने के खिलाफ जमकर रोष प्रकट किया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने रैली में मौजूद लोगों को बताया कि उन्होंने इस बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता की थी, मुख्यमंत्री ने इस कार्रवाई को रोकने का उनको आश्वासन दिया था लेकिन उन्होंने कार्रवाई जारी रखी। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि कथनी और करनी में फर्क है।वह जो कहते हैं उसे करते नहीं और जो नहीं कहते उसे वो करते हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर सभी लोगों से एकजुट होने का आह्वान करते हुए इस लड़ाई को लड़ने की अपील की।
श्री आर्य ने कहा कि जनता की सड़क की लड़ाई को सदन में लड़ने के लिए सौ दिन में कम से कम पाँच बार सदन चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार सदन ही नहीं चलने दे रही है।
पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत ने सत्ताधारी भाजपा और सरकार के अधिकारियों पर करारा हमला किया है। उन्होंने कहा कि जी 20 सम्मेलन के दौरान रामनगर में सड़क किनारे कई लोगों को उजाड़ा गया लेकिन जब भाजपा की एक कार्यकरता की दुकान हटाने की बारी आई तो अधिकारी उल्टे पांव वहाँ से लौट आये। उन्होंने सरकार के अधिकारियों को ललकारते हुए चेतावनी दी है कि ज्यादा उछलो मत, बाद में ज्यादा नुकसान तुम्हारा ही होगा। उनका इशारा साफ था कि वह संविधान के तहत अपनी ड्यूटी करे, सत्ता के इशारे पर मनमानी न करें।
पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर सरकारी भूमि पर बसे लोगों का नियमितीकरण करेंगे।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि रामनगर में सैंकड़ों वर्षों से आजीविका चला कर रह रहे 24 वनग्राम वासी एवं अन्य क्षेत्रो में सिचाई विभाग लोक निर्माण विभाग आदि की भूमि के अतिक्रमण के नाम पर जबरन लोगो को उजाड़ा जा रहा है जो कि अमानवीय एवं अनुचित है। सुप्रीमकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि जिस भूमि पर कोई व्यक्ति 12 वर्ष या अधिक से काबिज है तो उसे जबरन हटाया नहीं जा सकता। जबकि वन विभाग एवं सिचाई विभाग ने उजाड़े जा रहे व्यक्तियों को 25 वर्ष से 100 वर्ष तक का काबिज स्वीकार कर रखा है। आज रामनगर विधानसभा क्षेत्र की आधी आबादी यानि लगभग 50 हज़ार लोग उजाड़े जाने के भय से आतंकित है। रामनगर के गरीब, मजदूर, किसान, व्यापारी सभी अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे है। सरकार की संवेदनहीनता के कारण जनता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है। जबकि सुप्रीमकोर्ट ने अपने कई आदेशो में यह कहा है कि इतनी बड़ी आबादी को उजाड़ने से पूर्व उनकी पुनर्वास व्यवस्था की जानी चाहिए।
इस दौरान रैली को पूर्व सांसद महेंद्रपाल सिंह, किशोरीलाल सहित कई वक्ताओं ने संबोधित किया। जबकि विनय पलडिया, महेंद्रप्रताप सिंह बिष्ट, अनिल अग्रवाल खुलासा, प्रेम जैन, देशबंधु रावत, भुवन शर्मा, गिरधारीलाल, ओमप्रकाश आर्यवंशी, वीरेंद्र तिवारी सहित कई लोग मौजूद रहे।