उत्तराखण्ड
रामनगर मांस विवाद: मदन जोशी के लिए हाईकोर्ट से ज़ीरो राहत, सरेंडर ही आखिरी रास्ता!
रामनगर: मांस विवाद में मुस्लिम वाहन चालक पर हमले के मामले में भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष मदन जोशी के लिए अब हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने मदन जोशी की अंतरिम राहत याचिका और FIR को चुनौती देने वाली दोनों याचिकाओं को सख्ती से खारिज कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि अब मदन जोशी का जेल जाना तय है और वह कानून से लंबा बचाव नहीं खेल पाएंगे।
जानकारी के अनुसार, अदालत ने न सिर्फ याचिकाएं खारिज कीं बल्कि पुलिस की पकड़ से बाहर चल रहे मदन जोशी पर कड़ी टिप्पणी भी की। कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से मदन जोशी लगातार गिरफ्तारी से बचते रहे और सोशल मीडिया पर फेसबुक लाइव के जरिए बयानबाज़ी करते रहे, यह कानून के प्रति असम्मान दर्शाता है।
हाईकोर्ट इससे पहले भी मदन जोशी के Facebook Live वीडियो के कंटेंट पर नाराज़गी जता चुका है। कोर्ट का रुख और सख्त तब हुआ जब यह समझ आया कि मुकदमा दर्ज होने के बाद भी आरोपी गिरफ्त में आने से बचता रहा।
कानूनी स्थिति अब बेहद साफ है—
मदन जोशी के सामने सिर्फ दो रास्ते हैं:
1. पुलिस के सामने सरेंडर,
2. या कोर्ट में आत्मसमर्पण।
इन दोनों के अलावा अब कोई विकल्प शेष नहीं है।
इसी मामले में सह-आरोपी छोई निवासी विशाल मेहरा की जमानत याचिका भी हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है, जिससे साफ संकेत मिलता है कि अदालत इस पूरे मामले को बेहद गंभीरता से देख रही है।








