उत्तराखण्ड
रामनगर नगर पालिका चुनाव: भाजपा-कांग्रेस की ‘दिलचस्प सियासत’ का खेल
रामनगर नगर पालिका चुनाव: भाजपा-कांग्रेस की ‘दिलचस्प सियासत’ का खेल
रामनगर नगर पालिका चुनाव में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। भाजपा और कांग्रेस के बीच यह चुनाव दिलचस्प मुकाबले की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। खास बात यह है कि जहां भाजपा अपने प्रत्याशी को लेकर असमंजस में है, वहीं कांग्रेस की रणनीति ने भाजपा के भीतर हलचल मचा दी है।
भाजपा का उम्मीदवार कौन?
भाजपा की ओर से अध्यक्ष पद के लिए कई नाम चर्चा में हैं। इनमें पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष भागीरथ लाल चौधरी, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष गणेश रावत, संजय डोर्वी और नरेंद्र शर्मा जैसे दिग्गज दावेदार शामिल हैं। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में हैं भाजपा मंडल अध्यक्ष मदन जोशी, जिनका टिकट “पक्का” माना जा रहा है।
कांग्रेस क्यों चाहती है मदन जोशी से मुकाबला?
दिलचस्प बात यह है कि भाजपा की बजाय कांग्रेस के खेमे में यह चर्चा तेज है कि मदन जोशी को टिकट मिलना चाहिए। कांग्रेस चाहती है कि उनका उम्मीदवार भाजपा के मदन जोशी से मुकाबला करे। कांग्रेस की ओर से निवर्तमान पालिका अध्यक्ष मोहम्मद अकरम और भुवन पांडे के नाम प्रमुख दावेदारों के रूप में सामने आए हैं।
क्यों खास है मदन जोशी का नाम?
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा विधायक दीवान सिंह बिष्ट मदन जोशी के टिकट के लिए जोर लगा रहे हैं। इतना ही नहीं, रामनगर के सरकारी अस्पताल को पीपीपी मोड पर चला रही कंपनी के मालिक का भी समर्थन मदन जोशी को मिल रहा है। यह समर्थन स्थानीय सियासत को और रोचक बना रहा है।
कांग्रेस की ‘घर में तांकझांक’ की रणनीति
हैरानी की बात यह है कि भाजपा के भीतर के समीकरणों पर कांग्रेस की गहरी नजर है। कांग्रेस यह मान रही है कि यदि मदन जोशी भाजपा के उम्मीदवार बनते हैं, तो मुकाबला उनके लिए आसान हो सकता है।
भाजपा के लिए चुनौती भरा फैसला
भाजपा के लिए उम्मीदवार चयन का यह दौर बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। एक ओर पार्टी के दिग्गज दावेदार टिकट के लिए जोर लगा रहे हैं, वहीं कांग्रेस की रणनीति ने भाजपा के लिए चुनावी गणित को और उलझा दिया है।
क्या होगा आगे?
अब देखना यह होगा कि भाजपा किसे अपना उम्मीदवार बनाती है और कांग्रेस की रणनीति कितनी कारगर साबित होती है। रामनगर नगर पालिका का यह चुनाव न केवल सत्ताधारी भाजपा के लिए बल्कि विपक्षी कांग्रेस के लिए भी साख का सवाल बन चुका है।
फैसला चाहे जो भी हो, रामनगर की जनता के लिए यह चुनाव एक बड़ा सियासी नाटक बनने जा रहा है।