Connect with us

उत्तराखण्ड

रामपुर तिराहा गोलीकांड की बरसी पर गरजा रामनगर – शहीदों को श्रद्धांजलि, दोषियों की फांसी और लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग

रामपुर तिराहा गोलीकांड की बरसी पर गरजा रामनगर – शहीदों को श्रद्धांजलि, दोषियों की फांसी और लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग

रामनगर।
2 अक्टूबर—गांधी जयंती के दिन आज रामनगर का शहीद पार्क आक्रोश और श्रद्धा का केंद्र बना रहा। रामपुर तिराहा गोलीकांड की 31वीं बरसी पर राज्य आंदोलनकारियों और विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता एकत्र हुए और उत्तराखंड आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर केवल स्मरण ही नहीं, बल्कि दोषियों को फांसी देने और लद्दाख को पृथक राज्य का दर्जा देने की मांग बुलंद हुई।

सभा में वक्ताओं ने साफ कहा कि जिस तरह तीन दशक पहले उत्तराखंड के लोग अलग राज्य की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे थे, उसी तरह आज लद्दाख के लोग अपनी पहचान और हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन सरकार वहां भी आंदोलनकारियों को आवाज देने की बजाय दमन पर उतारू है। सोनम वांगचुक और अन्य लद्दाखी आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी को कार्यकर्ताओं ने लोकतंत्र पर हमला करार दिया और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की।

शहीद पार्क से लखनपुर चुंगी तक जुलूस की शक्ल में निकले प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की और चेतावनी दी कि अगर शहीदों के खून से खेल करने वालों को सजा नहीं मिली तो आंदोलन और तेज होगा।

राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने कहा—
“यह बेहद शर्मनाक है कि 31 साल बाद भी रामपुर तिराहा, खटीमा और मसूरी गोलीकांड के दोषी आजाद घूम रहे हैं। यह केवल शहीदों का अपमान नहीं बल्कि लोकतंत्र की हत्या है। सरकार याद रखे, यह लड़ाई तब तक चलेगी जब तक इंसाफ नहीं मिलता।”

इस मौके पर मौजूद राज्य सेनानी चंद्रशेखर जोशी, पुष्कर दुर्गापाल, कमला जोशी, योगेश सती, डीडी सती, पान सिंह नेगी, ललित रावत, रईस अहमद, फैजल खान, हरीश भट्ट, हेम पाठक, पीतांबर दत्त तिवारी, दीप चंद्र तिवारी समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने शहीदों को नमन किया।

साथ ही इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित रूहेला, किसान संघर्ष समिति के ललित उप्रेती, महिला एकता मंच की ललिता रावत, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिम्बाल, आईसा के सुमित और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के प्रभात ध्यानी ने भी अपने विचार रखे और लद्दाख की मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद की।

साफ संदेश

रामपुर तिराहा गोलीकांड की बरसी पर रामनगर से उठी आवाज ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उत्तराखंड के शहीदों का बलिदान भूला नहीं जा सकता। और अब यह संघर्ष केवल उत्तराखंड तक सीमित नहीं, बल्कि लद्दाख के लोगों के हक की लड़ाई से भी जुड़ गया है।

More in उत्तराखण्ड

Trending News

संपादक –

नाम: खुशाल सिंह रावत
पता: भवानीगंज, रामनगर (नैनीताल)
दूरभाष: 9837111711
ईमेल: [email protected]

You cannot copy content of this page