उत्तराखण्ड
रिटायर्ड कर्नल की प्रेस वार्ता:भाजपा नेता का ‘नटवरलाल गैंग’ बेनकाब: फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों की जमीन हड़पने का आरोप
रिटायर्ड कर्नल की प्रेस वार्ता:भाजपा नेता का ‘नटवरलाल गैंग’ बेनकाब: फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों की जमीन हड़पने का आरोप
रामनगर। पीरूमदारा में भाजपा नेता ने अपने साथियों संग मिलकर नटवरलालों का ऐसा गैंग खड़ा कर दिया है, जो फर्जी दस्तावेज बनवाकर लोगों की करोड़ों की जमीनें हड़पने में जुटा है। इस गैंग के खिलाफ अब रिटायर्ड सैन्य अधिकारी कर्नल बीएस लांबा ने मोर्चा खोलते हुए इनपर गंभीर आरोप लगाए हैं।
रविवार को पत्रकार वार्ता में कर्नल लांबा ने खुलासा किया कि भाजयुमो मंडल उपाध्यक्ष राजेश पाल और उसके साथी चंद्रशेखर उर्फ चंदन ने मिलकर एक एनआरआई परिवार की करोड़ों की जमीन हड़पने की साजिश रची। लेकिन समय रहते सच सामने आ गया और ये लोग अपने मंसूबों में पूरी तरह सफल नहीं हो पाए।
फर्जी बाप बनाकर कब्जा खेला!
कर्नल लांबा ने बताया कि इंग्लैंड में रहने वाले बलबीर सिंह की पीरूमदारा स्थित करोड़ों की जमीन को हथियाने के लिए गैंग ने एक मजदूर बलबीर सिंह को पैसे का लालच देकर उसके दस्तावेजों में हेरफेर करवा दी। बलबीर के असली पिता केसरी सिंह की जगह फर्जी तौर पर ‘चनन सिंह’ दर्ज करवा दिया गया, ताकि एनआरआई बलबीर सिंह की जगह मजदूर बलबीर सिंह को जमीन का वारिस दिखाया जा सके।
भूमाफिया का आतंक
रिटायर्ड सैन्य अधिकारी ने भाजपा नेता और उसके साथी को भूमाफिया करार देते हुए कहा कि ये लोग इलाके में दहशत फैला चुके हैं। कई कीमती जमीनों पर कब्जा कर चुके हैं और पहले भी इसी तरह के फर्जीवाड़े से करोड़ों की जमीनें बेच चुके हैं।
जांच में हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
कर्नल लांबा ने बताया कि मामले की शिकायत चकबंदी न्यायालय, सिविल कोर्ट और एसडीएम ठाकुरद्वारा से की गई है। जांच नायब तहसीलदार आदित्य मौर्य के पास है। लेखपाल की रिपोर्ट में भी यह साफ हो गया है कि आरोपी के दस्तावेजों में पिता के नाम में फर्जी तरीके से बदलाव किया गया।
प्रशासन से कार्रवाई की मांग
पूर्व सैन्य अधिकारी ने प्रशासन से मांग की है कि इन जालसाजों पर सख्त कार्रवाई की जाए और अन्य पीड़ितों को भी न्याय दिलाया जाए। साथ ही उन्होंने क्षेत्रवासियों से अपील की है कि ऐसे भूमाफियाओं से सावधान रहें और उनकी चालबाजियों में न आएं।
यह मामला सिर्फ एक परिवार की जमीन का नहीं, बल्कि सिस्टम के जरिए चल रही एक सुनियोजित धोखाधड़ी का है। क्या प्रशासन इन सफेदपोश जालसाजों पर शिकंजा कसेगा या राजनीति की ढाल इन्हें फिर बचा लेगी?




