उत्तराखण्ड
आश्रम की संपत्ति कब्जाने के लिए साधू का छलावा: साध्वी के साथ अंतरंग वीडियो कर दी वायरल, पुलिस ने किया गिरफ्तार
हरिद्वार: करोड़ों की संपत्ति हड़पने की मंशा से एक व्यक्ति ने साधू का वेश धारण किया और एक आश्रम में रहकर अपने नापाक इरादों को अंजाम देने की कोशिश की। मुज़फ्फरनगर निवासी अशोक कुमार वर्मा ने साधू बनकर हरिद्वार के आश्रम में शरण ली और मुख्य सेविका साध्वी के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए। जैसे ही उसे लगा कि संपत्ति पर कब्जा करना संभव नहीं होगा, उसने साध्वी के साथ बिताए अंतरंग पलों की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। इस घटना के बाद पुलिस ने आरोपी अशोक कुमार वर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
कैसे हुई अशोक और साध्वी की मुलाकात
अशोक कुमार वर्मा और साध्वी की मुलाकात 2021 में हुई थी। उस समय कोरोना महामारी का दौर था और आश्रम के महंत स्वामी नित्यानंद का कोरोना से निधन हो गया था। इसके बाद साध्वी को आश्रम का अध्यक्ष बना दिया गया। साध्वी ने आश्रम की व्यवस्थाओं को संभालने में सहयोग के लिए अशोक को महासचिव बना दिया। इसके बाद उनके बीच निकटता बढ़ने लगी और अशोक ने साध्वी के साथ अंतरंग संबंध स्थापित किए।
अंतरंग पलों का किया रिकॉर्ड और बिछाई चाल
अशोक ने इन संबंधों का लाभ उठाते हुए हर बार उनके अंतरंग पलों को अपने मोबाइल फोन में कैद किया। समय के साथ साध्वी को यह महसूस होने लगा कि अशोक का मकसद केवल आश्रम की संपत्ति पर कब्जा करना है। इस पर साध्वी ने उसे आश्रम से निकाल दिया और उसे महासचिव पद से भी हटा दिया।
अंतरंग वीडियो किया वायरल, पुलिस ने की गिरफ्तारी
साध्वी द्वारा आश्रम से बाहर किए जाने के बाद अशोक ने अपनी योजना को अंजाम देने के लिए साध्वी के साथ अंतरंग पलों की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। इसके बाद हरिद्वार पुलिस को सूचना मिली और साध्वी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया। मामले की जांच में सामने आया कि अशोक का मकसद शुरुआत से ही आश्रम की संपत्ति पर कब्जा करना था। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी अशोक कुमार वर्मा को गिरफ्तार किया और उसे जेल भेज दिया।
संपत्ति हड़पने के लिए बढ़ते ऐसे मामलों पर पुलिस सतर्क
यह मामला संपत्ति हड़पने के लिए साधू-संतों के रूप में ठगी करने के बढ़ते मामलों में एक और कड़ी जोड़ता है। हरिद्वार जैसे धार्मिक स्थल में इस तरह के कृत्य न केवल धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाते हैं बल्कि लोगों के विश्वास को भी हिला देते हैं। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की है और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
समाज में बढ़ रही जागरूकता की आवश्यकता
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि समाज में धार्मिक स्थलों और साधु-संतों के बीच भरोसे का गलत फायदा उठाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। यह जरूरी है कि ऐसे तत्वों से सतर्क रहा जाए और संपत्ति के मामलों में उचित दस्तावेजी और कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाए। समाज को इन घटनाओं से सीख लेते हुए और अधिक सजग और सतर्क होने की आवश्यकता है, ताकि धार्मिक स्थलों की गरिमा और संपत्ति को सुरक्षित रखा जा सके।