उत्तराखण्ड
कर्ज़ के बोझ तले दबे सहारनपुर के दंपति ने गंगा में कूदकर दी जान
हरिद्वार(उत्तराखंड) सहारनपुर, उत्तर प्रदेश के साईं ज्वेलर्स के मालिक, सौरभ बब्बर और उनकी पत्नी मोना ने कर्ज़ के भारी बोझ के चलते अपनी जान गवां दी। इस हृदयविदारक घटना ने पूरे क्षेत्र में शोक और स्तब्धता की लहर फैला दी है। सौरभ और मोना ने हरिद्वार की पवित्र गंगा नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली, जिससे उनके परिवार और समाज को एक गहरा आघात पहुंचा है।
घटना से पहले सौरभ बब्बर ने एक सेल्फी ली, जिसे उन्होंने अपने दोस्तों को व्हाट्सएप पर भेजा। यह सेल्फी उनके द्वारा उठाए गए अंतिम कदम की ओर इशारा करती है। इस सेल्फी के कुछ ही समय बाद, दोनों ने गंगा में छलांग लगा दी, जो कि उनके जीवन का अंतिम कदम साबित हुआ। सौरभ के शव को बरामद कर लिया गया है, जबकि मोना की लाश की तलाश अभी भी जारी है।
इस दर्दनाक घटना के पीछे की वजह कर्ज़ का बढ़ता दबाव था। सौरभ ने अपने सुसाइड नोट में यह स्पष्ट रूप से लिखा कि उन पर कर्ज़ का बोझ बहुत अधिक हो गया था, और वे इसे चुका नहीं पा रहे थे। इस आर्थिक संकट ने उन्हें इस हद तक मजबूर कर दिया कि उन्होंने अपनी जान लेने का कठोर निर्णय लिया। सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा, “हम कर्ज़ के चलते अब और जी नहीं सकते, इसलिए यह अंतिम निर्णय ले रहे हैं।”
सौरभ बब्बर का कारोबार क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध था, लेकिन पिछले कुछ समय से उनका व्यवसाय मुश्किलों में घिरा हुआ था। परिवार और दोस्तों का कहना है कि सौरभ और मोना ने कभी भी अपनी आर्थिक तंगी के बारे में खुलकर बात नहीं की थी, लेकिन कर्ज़ का बढ़ता बोझ उनके लिए असहनीय हो गया था।
इस घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया है और लोगों को इस बात पर सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आर्थिक समस्याओं के चलते किस तरह से लोग अपनी जान तक देने को मजबूर हो जाते हैं। इस घटना से यह साफ होता है कि किसी भी प्रकार की आर्थिक कठिनाइयों का सामना करने के लिए सही मार्गदर्शन और सहयोग कितना महत्वपूर्ण है।
सौरभ और मोना की इस दर्दनाक कहानी ने समाज में एक गहरी छाप छोड़ी है, और यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमें कैसे अपने आसपास के लोगों की सहायता करनी चाहिए, ताकि वे कभी भी इस तरह का कठोर कदम उठाने पर मजबूर न हों।