उत्तराखण्ड
रामनगर: शाइनिंग स्टार स्कूल में विज्ञान कार्यशाला ने छात्रों में जगाई नवाचार की अलख
रामनगर, नैनीताल: शिवालिक चिल्ड्रेन साइंस फाउंडेशन द्वारा 16 और 17 दिसंबर 2024 को शाइनिंग स्टार स्कूल में आयोजित दो दिवसीय विज्ञान कार्यशाला ने छात्रों में विज्ञान के प्रति रुचि और नवाचार की भावना को प्रेरित किया। इस कार्यशाला में कक्षा 8वीं और 9वीं के 120 से अधिक छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
पहले दिन का आकर्षण: एनसीईआरटी आधारित प्रयोगों का प्रदर्शन
कार्यशाला के पहले दिन, फाउंडेशन के विशेषज्ञों द्वारा 16 एनसीईआरटी आधारित प्रयोगों का प्रदर्शन किया गया। इन प्रयोगों के माध्यम से छात्रों को विज्ञान के बुनियादी सिद्धांतों को समझने का अवसर मिला। कार्यक्रम का नेतृत्व फाउंडेशन के अध्यक्ष सुमित पांडे, संयुक्त सचिव सुमित पांडे, और प्रशासनिक अधिकारी हिमांशु तिवारी ने किया।
दूसरे दिन: छात्रों ने दिखाया अपना कौशल
दूसरे दिन, छात्रों को टीमों में विभाजित कर व्यक्तिगत रूप से प्रशिक्षित किया गया। इसके बाद, प्रत्येक टीम ने कार्यशाला में सीखे गए प्रयोगों को प्रदर्शित किया। छात्रों की रचनात्मकता और विज्ञान के प्रति उनकी समझ को देखते हुए सर्वश्रेष्ठ दो प्रयोगों को सम्मानित किया गया।
कार्यशाला का उद्देश्य और प्रमुख वक्तव्य
विद्यालय की प्रधानाचार्या ने इस कार्यशाला की सराहना करते हुए कहा,
“इस तरह की कार्यशालाएं छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान देती हैं और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करने में मदद करती हैं।”
विद्यालय प्रबंधक डी. एस. नेगी ने भी छात्रों की ऊर्जा और फाउंडेशन की पहल की प्रशंसा करते हुए कहा,
“वैज्ञानिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इस तरह की गतिविधियां आवश्यक हैं।”
फाउंडेशन के अध्यक्ष सुमित पांडे ने कहा,
“हम चाहते हैं कि बच्चे विज्ञान को केवल एक विषय के रूप में न देखें, बल्कि इसे अपनी सोच और जीवन का हिस्सा बनाएं।”
संयुक्त सचिव ने आश्वासन दिया कि भविष्य में और भी ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।
विजेताओं को किया गया सम्मानित
कार्यशाला के अंत में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों डिम्पल पप्नेय, अंकुर रावत, अंशिका नेगी, मानसी, और जाग्रत को पुरस्कृत किया गया।
कार्यशाला की सफलता
इस कार्यशाला ने छात्रों के बीच न केवल विज्ञान के प्रति रुचि जगाई बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और नवाचार की दिशा में प्रेरित किया। इसमें शिक्षकों रोहित रावत, देवेन्द्र सिंह, सरिता मैम आदि की उपस्थिति ने इसे और सफल बनाया।
ऐसे आयोजनों से छात्रों में व्यावहारिक विज्ञान की समझ और नवाचार को बढ़ावा देने की यह पहल शिक्षा जगत में एक नई दिशा देने का कार्य कर रही है।