उत्तराखण्ड
रामनगर:जंगल में चला सर्च ऑपरेशन, लेकिन बुजुर्ग का सुराग नहीं
रामनगर: जंगल में घास लेने गए बुजुर्ग के खून से सने कपड़े मिले, बाघ के हमले की आशंका, सर्च ऑपरेशन जारी!
रामनगर (नैनीताल) के पवलगढ़ रेंज में गुरुवार को क्यारी गांव के 60 वर्षीय भुवन चंद्र बेलवाल जंगल में घास लेने गए और लापता हो गए। उनके खून से सने कपड़े और घास के पुटले जंगल में मिलने से इलाके में दहशत फैल गई है। बाघ या गुलदार के हमले की आशंका जताई जा रही है।
घंटो चला सर्च ऑपरेशन, लेकिन बुजुर्ग का सुराग नहीं
घटना की जानकारी मिलते ही डीएफओ, एसडीओ, और रेंजर के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने शाम सर्च ऑपरेशन चलाया, जो रात 9:30 बजे तक जारी रहा। सर्च टीम और ग्रामीणों की अथक कोशिशों के बावजूद बुजुर्ग का कोई पता नहीं चला। अब सर्च ऑपरेशन शुक्रवार सुबह 7 बजे फिर से शुरू होगा।
दहशत में ग्रामीण, घात लगाए बैठा है खूनी शिकारी!
स्थानीय लोगों के अनुसार, जंगल में खून से सने कपड़े मिलने से यह संभावना जताई जा रही है कि बाघ या गुलदार भुवन चंद्र को खींचकर जंगल के अंदर ले गया। इस घटना से क्यारी गांव और आसपास के इलाकों में खौफ का माहौल है।
कॉर्बेट में भी बाघ का कहर, श्रमिक को बनाया शिकार
इससे पहले पूर्वी सावल्दे में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के श्रमिक प्रेम की भी बाघ ने जान ले ली। वह अपनी पत्नी और बेटे के साथ लकड़ी लेने जंगल गया था। घटना के बाद कॉर्बेट प्रशासन ने हमलावर बाघ की पहचान के लिए कैमरा ट्रैप लगाए हैं।
क्या कह रहा है प्रशासन?
वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सर्च ऑपरेशन में पूरी कोशिश की जा रही है। डीएफओ का कहना है कि स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है और इलाके में गश्त बढ़ाई जाएगी।
डर और सवाल: जंगल जाने का जोखिम कितना खतरनाक?
लगातार हो रही घटनाओं से यह साफ है कि जंगल में घास और लकड़ी लेने जाना जानलेवा साबित हो रहा है। क्या ग्रामीणों के लिए जंगलों में प्रवेश पर रोक लगाई जाएगी, या वन विभाग इन्हें बचाने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा?
जंगलों में बढ़ते खतरे ने एक बार फिर इंसानों और वन्यजीवों के संघर्ष को उजागर कर दिया है। क्या भुवन चंद्र बेलवाल को सुरक्षित निकाला जा सकेगा, या यह घटना एक और दुखद कहानी बनकर रह जाएगी?