उत्तराखण्ड
धर्म की आड़ में नफरत फैलाने वालों पर तीखा हमला: शिक्षक तिलक जोशी के निलंबन पर शिक्षक संघ का आक्रोश
रामनगर।
राजकीय इंटर कॉलेज रामनगर के प्रभारी प्रधानाचार्य तिलक जोशी के निलंबन ने शिक्षा जगत में एक नई हलचल पैदा कर दी है। बिना किसी जांच और स्पष्टिकरण के लिए हुए इस तानाशाही फैसले पर शिक्षकों का गुस्सा अब उग्र आंदोलन का रूप ले चुका है। राजकीय शिक्षक संघ और अन्य शिक्षक संगठनों ने इसे शिक्षा विभाग की असंवेदनशीलता और जल्दबाजी का नतीजा बताते हुए तीखा विरोध जताया है।
क्या शिक्षा विभाग धर्म की राजनीति का शिकार हो गया है?
शिक्षकों ने साफ तौर पर कहा है कि तिलक जोशी को बिना किसी जांच और सुनवाई के निलंबित करना केवल जल्दबाजी ही नहीं, बल्कि शिक्षकों की गरिमा पर सीधा हमला है। सवाल यह उठता है कि क्या शिक्षा विभाग अब उन तत्वों के इशारों पर काम कर रहा है जो धर्म की आड़ में नफरत फैलाकर समाज को बांटना चाहते हैं?
शिक्षक संघ का तीखा हमला
आज प्राथमिक शिक्षक संघ, जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ, और उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन ने एक स्वर में कहा कि तिलक जोशी के निलंबन का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य है।
शिक्षक नेताओं ने शिक्षा विभाग को आड़े हाथों लेते हुए कहा,
“जिस विभाग का काम शिक्षा को बढ़ावा देना है, वह खुद शिक्षा की पवित्रता को नष्ट कर रहा है। तिलक जोशी के साथ हुई इस नाइंसाफी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
दुर्व्यवहार करने वालों पर कब होगी कार्रवाई?
बैठक में वक्ताओं ने पूछा कि 20 दिसंबर को स्कूल में घुसकर शिक्षकों से दुर्व्यवहार और विद्यार्थियों को धमकाने वाले असामाजिक तत्वों पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? क्या शिक्षा विभाग इन गुंडों के दबाव में काम कर रहा है?
“सरकारी काम में बाधा डालने और विद्यालय की गरिमा को ठेस पहुंचाने वालों पर तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए। अगर 72 घंटे के भीतर यह कार्रवाई नहीं होती है, तो शिक्षक संघ उग्र आंदोलन के लिए स्वतंत्र होगा,” शिक्षक संघ के नेताओं ने चेतावनी दी।
धर्म और शिक्षा के नाम पर राजनीति का अंत कब?
शिक्षक संघ ने धर्म के नाम पर नफरत फैलाने वाले तत्वों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि
“शिक्षा संस्थानों को धार्मिक या सांप्रदायिक राजनीति का अखाड़ा बनाने की साजिश चल रही है। ऐसे तत्व जो बच्चों और शिक्षकों को डराने-धमकाने का प्रयास करते हैं, वे समाज और देश के लिए सबसे बड़े खतरे हैं।”
शिक्षक संघ के आंदोलन को मिला समर्थन
इस आंदोलन को शिक्षक संगठनों के अलावा महिला शिक्षकों और अन्य कर्मचारी संगठनों का भी व्यापक समर्थन मिल रहा है। बैठक में नवेंदु मठपाल, संजीव कुमार, अनिल कड़ाकोटी, मीना बिष्ट, कमला पाठक, हेमलता गोस्वामी, महेंद्र कुमार, दयानंद शर्मा समेत कई वरिष्ठ शिक्षक नेता मौजूद रहे।
तिलक जोशी के लिए न्याय की लड़ाई
शिक्षक संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि 72 घंटे के भीतर नफरत फैलाने वाले असामाजिक तत्वों की गिरफ्तारी नहीं होती और तिलक जोशी के खिलाफ निलंबन की प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई जाती, तो यह आंदोलन पूरे राज्य में फैलेगा।
“शिक्षा विभाग को समझना होगा कि शिक्षक कोई आसान निशाना नहीं हैं। हम अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाते रहेंगे,” शिक्षक संघ ने कहा।
एटम बम न्यूज डेस्क, रामनगर (नैनीताल)