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उत्तराखण्ड

शुभंकर ‘मौली’ की विदाई: 38वें राष्ट्रीय खेलों का सुपरस्टार अब सीएम आवास में

देहरादून: 38वें राष्ट्रीय खेलों का समापन होते ही सबसे ज्यादा चर्चा में रहा उत्तराखंड का खास मेहमान—शुभंकर ‘मौली’! खेलों के दौरान अपनी मौजूदगी और मनमोहक अंदाज से सबका दिल जीतने वाले इस प्रतीक को अब मुख्यमंत्री आवास में विशेष सम्मान मिला। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद ‘मौली’ का स्वागत किया और इसे राज्य के लिए गौरव का प्रतीक बताया।

‘मौली’ ने रचा इतिहास, देशभर में बटोरी सुर्खियां

उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर ‘मौली’ सिर्फ एक प्रतीक नहीं था, बल्कि यह पूरे आयोजन की जान बन गया। यह कोई साधारण शुभंकर नहीं, बल्कि उत्तराखंड के राज्य पक्षी मोनाल पर आधारित था, जिसने न केवल खेलों की शोभा बढ़ाई बल्कि देशभर के खेल प्रेमियों को उत्तराखंड की समृद्ध जैव विविधता और सांस्कृतिक पहचान से भी जोड़ा।

हर जनपद में हुआ भव्य स्वागत

राष्ट्रीय खेलों के दौरान ‘मौली’ का पूरे राज्य में भव्य स्वागत किया गया। उत्तराखंड के हर जिले में यह आकर्षण का केंद्र बना रहा। चाहे खेल के मैदान हों या फिर दर्शकों की भीड़, हर जगह ‘मौली’ के साथ फोटो खिंचवाने और इसे देखने की होड़ लगी रही।

उत्तराखंड: खेल भूमि के रूप में उभरता सितारा

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस आयोजन ने उत्तराखंड को केवल ‘देवभूमि’ और ‘वीरभूमि’ नहीं, बल्कि ‘खेल भूमि’ के रूप में भी नई पहचान दिलाई है। 37वें राष्ट्रीय खेलों में 25वें स्थान पर रहने वाले उत्तराखंड ने इस बार ऐतिहासिक छलांग लगाते हुए 103 पदक जीतकर शीर्ष सात राज्यों में जगह बना ली। यह राज्य की नई खेल नीति और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर का परिणाम है।

ग्रीन गेम्स और ई-वेस्ट मेडल: मिसाल बना उत्तराखंड

38वें राष्ट्रीय खेल कई मायनों में ऐतिहासिक रहे। यह ‘ग्रीन गेम्स’ के रूप में याद किए जाएंगे, जहां ई-वेस्ट से बने मेडल्स ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इतना ही नहीं, पदक विजेता खिलाड़ियों के नाम से पूरे राज्य में पौधारोपण भी किया गया, जिससे खेलों को प्रकृति संरक्षण से जोड़ा गया।

‘मौली’ अब भी रहेगा उत्तराखंड की पहचान

भले ही 38वें राष्ट्रीय खेल खत्म हो गए हों, लेकिन ‘मौली’ उत्तराखंड की पहचान बन चुका है। मुख्यमंत्री आवास में इसका स्वागत यह दर्शाता है कि यह सिर्फ एक शुभंकर नहीं, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक और पारिस्थितिक विरासत का प्रतीक बन चुका है। अब देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में ‘मौली’ को और किन नए रूपों में देखा जाता है।

(रिपोर्ट: एटम बम न्यूज़)

 

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