उत्तराखण्ड
रामनगर में भाईचारे और न्याय की अलख: 6 नवंबर को सामूहिक उपवास, सामाजिक संगठनों ने बढ़ाया कदम
 रामनगर।
रामनगर।
सांप्रदायिक नफरत के खिलाफ और भाईचारे व लोकतांत्रिक मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए रामनगर में एक सकारात्मक पहल शुरू की गई है। क्षेत्र के विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने एक स्वर में कहा है कि अब समय है नफरत नहीं, इंसाफ और एकता की बात करने का। इसी कड़ी में आगामी 6 नवंबर को रामनगर तहसील परिसर में सामूहिक उपवास रखा जाएगा।
व्यापार भवन में हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि देश और प्रदेश में लगातार बढ़ रहे सांप्रदायिक तनाव के बीच, समाज को जोड़ने और न्याय की आवाज बुलंद करने की ज़रूरत है। बैठक में कहा गया कि विगत 23 अक्टूबर को बैलपड़ाव और छोई क्षेत्र में मीट लेकर जा रहे वाहन चालक नासिर पर हमला करने वाले असामाजिक तत्वों की गिरफ्तारी और घायलों को न्याय दिलाने की दिशा में कार्रवाई बेहद धीमी है।
संगठनों ने शासन-प्रशासन से चार प्रमुख मांगें दोहराईं —
1️⃣ हमले में शामिल गुंडा तत्वों की तत्काल गिरफ्तारी,
2️⃣ नफरत फैलाने वाले बयानों (हेट स्पीच) पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत कार्रवाई,
3️⃣ घायल वाहन चालक नासिर को 10 लाख रुपये मुआवजा,
4️⃣ आम नागरिकों की आईडी और वाहनों की गैर-कानूनी जांच पर तत्काल रोक।
वक्ताओं ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा पुलिस प्रशासन को माब लिंचिंग मामलों में ‘तहसीन पूनावाला केस’ के दिशा-निर्देशों का पालन करने का आदेश एक सकारात्मक कदम है, जिससे पीड़ितों को न्याय और सुरक्षा मिल सकेगी।
बैठक में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर भी गंभीर चिंता जताई गई और रामनगर में हाल ही में हुई गैंगरेप की घटना की निंदा करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की गई।
सभी वक्ताओं ने अमनपसंद जनता से अपील की कि वे जाति और धर्म की दीवारों को तोड़ते हुए न्याय, शांति और भाईचारे के आंदोलन में एकजुट होकर शामिल हों।
बैठक में समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार, कैसर राना, जिशान कुरेशी, जगमोहन रावत, मौ. नबी अंसारी, इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित रुहेला, महिला एकता मंच की सरस्वती जोशी, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिंबाल, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के मौ. आसिफ, लालमणि, जावेद खान, अबरार हुसैन, दानिश सिद्दीकी, अयान, शोएब कुरेशी, अकरम, अकीब सैफी, आदिल खान, शोएब राजा, असलम, अरहान और समीर अंसारी आदि शामिल रहे।
रामनगर में यह पहल न केवल इंसाफ के लिए एक लोकतांत्रिक प्रयास है, बल्कि समाज में फैलती नफरत के खिलाफ एकजुटता और भाईचारे का सशक्त संदेश भी है।




 


 
																						
 
						 
					 
						 
					 
						 
					 
						 
					 
									 
																							


 
						 
						 
						