उत्तराखण्ड
21 साल बाद फरार अपहरणकर्ता सलाखों के पीछे, एसएसपी ने दिखाई कुशल रणनीति
महिला और बाल अपराधियों को कड़ा संदेश: “कहीं भी छिपो, पुलिस आपको ढूंढ निकालेगी”
ऊधम सिंह नगर जिले की पुलिस ने 21 साल से फरार चल रहे एक कुख्यात अपहरणकर्ता को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। इस उल्लेखनीय सफलता का श्रेय जिले के एसएसपी की कुशल रणनीति और लगातार जारी प्रयासों को दिया जा रहा है। अपराधी सुरेंद्र महतो, जो 25 हजार रुपए का इनामी घोषित किया गया था, को पुलिस ने बिहार बॉर्डर से दबोच लिया।
21 साल पुराना मामला: नाबालिग के अपहरण का आरोपी
यह मामला 2003 का है जब किच्छा थाना क्षेत्र के चुकटी देवरिया गांव में एक नाबालिग लड़की का अपहरण हुआ था। वादी विजेंद्र ने थाना किच्छा में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसकी 13 वर्षीय बेटी स्कूल से घर नहीं लौटी। जांच में पता चला कि सुरेंद्र महतो और उसके छोटे भाई छोटेलाल ने लड़की का अपहरण किया था। छोटेलाल को पुलिस ने 2004 में गिरफ्तार कर लिया, लेकिन सुरेंद्र महतो तब से फरार चल रहा था।
21 साल से जारी थी तलाश
एसएसपी उधम सिंह नगर ने इस लंबे समय से फरार अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया। सुरेंद्र महतो पर पहले 500 रुपए का इनाम घोषित था, जिसे एसएसपी ने बढ़ाकर 25 हजार रुपए कर दिया था। पिछले 21 वर्षों में पुलिस की कई टीमें उत्तर प्रदेश और बिहार भेजी गईं, लेकिन सुरेंद्र हर बार पुलिस की गिरफ्त से बच निकलता था।
कुशल रणनीति से गिरफ्तारी
21 सितंबर 2024 को पुलिस टीम को सूचना मिली कि सुरेंद्र महतो देवरिया जिले के चंदौली गांव में छिपा हुआ है। त्वरित कार्रवाई करते हुए टीम ने वहां दबिश दी और सुरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सुरेंद्र ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए कहा, “मुझे लगा कि इतने साल बाद पुलिस मुझे नहीं पकड़ पाएगी।”
एसएसपी का सराहनीय नेतृत्व
एसएसपी द्वारा इस लंबे समय से फरार अपराधी को पकड़ने के लिए की गई रणनीति और लगातार निगरानी ने यह साबित कर दिया है कि अपराधी चाहे जितना भी समय छिपे, पुलिस उसे ढूंढ ही निकालेगी। टीम के उत्कृष्ट कार्य के लिए एसएसपी ने उन्हें 2500 रुपए का इनाम देने की घोषणा की है।
गिरफ्तारी टीम:
1. वरिष्ठ उप निरीक्षक उमेश कुमार
2. कॉन्स्टेबल जगमोहन नेगी
3. कॉन्स्टेबल उमेश सिंह, थाना किच्छा
यह मामला पुलिस की दृढ़ इच्छाशक्ति और अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाता है, जो यह संदेश देता है कि कानून से कोई भी अपराधी बच नहीं सकता।