उत्तराखण्ड
17 सितंबर को ढोल-दमाऊं के साथ CM आवास घेरेंगे राजकीय शिक्षक
17 सितंबर को ढोल-दमाऊं के साथ सीएम आवास घेरेंगे राजकीय शिक्षक
रामनगर।
राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड का आंदोलन और तेज हो गया है। प्रधानाचार्य सीधी भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने, सभी स्तरों पर पदोन्नति करने, स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू करने और वेतन विसंगतियों को दूर करने समेत कई मांगों को लेकर आंदोलनरत शिक्षक अब 17 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे।
पिछले 10 दिनों से काली पट्टी बांधकर शैक्षणिक कार्य कर रहे शिक्षक आज भी इसी अंदाज में कक्षाओं में पहुंचे। संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई ऑनलाइन बैठक में आंदोलन की आगामी रणनीति तय की गई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक कोई भी शिक्षक विभागीय या सरकारी परीक्षा में प्रतिभाग नहीं करेगा।
संगठन ने ऐलान किया कि 14 सितंबर को पूरे 13 जनपदों में सीधी भर्ती प्रक्रिया का तर्पण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। सबसे बड़ा तर्पण हरिद्वार के गंगा घाट पर किया जाएगा। इसके बाद 17 सितंबर को ढोल-दमाऊं के साथ करीब 20 हजार शिक्षक मुख्यमंत्री आवास घेराव में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के शामिल होने की भी संभावना जताई गई है।
बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि शिक्षक केवल शैक्षणिक कार्य करेंगे, अन्य किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। संगठन की रीति के खिलाफ जाने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। नेताओं ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि छात्र-छात्राओं को अब तक पुस्तकें उपलब्ध नहीं कराई गई हैं और कई विषयों के अध्यापकों को वीएलओ ड्यूटी में झोंकना दुर्भाग्यपूर्ण है।
प्रांतीय महामंत्री रमेश पैन्यूली ने बैठक का संचालन किया। इस मौके पर दोनों मंडलों के पदाधिकारी, 13 जनपद कार्यकारिणी और प्रांतीय कार्यकारिणी के सदस्य मौजूद रहे।
राजकीय इंटर कॉलेज ढेला में काली पट्टी बांधकर शैक्षणिक कार्य करने वालों में मनोज जोशी, सी.पी. खाती, दिनेश निखुरपा, बालकृष्ण चंद, संजीव कुमार, नरेश कुमार, संत सिंह, जया बाफिला और सुभाष गोला शामिल रहे।







