उत्तराखण्ड
प्रधानाचार्य सीधी भर्ती परीक्षा स्थगित होने पर शिक्षकों ने मनाई खुशी, 1 नवंबर की देहरादून रैली भी टली
प्रधानाचार्य सीधी भर्ती परीक्षा स्थगित होने पर शिक्षकों ने मनाई खुशी, 1 नवंबर की देहरादून रैली भी टली
रामनगर।
राजकीय इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्यों की सीधी भर्ती परीक्षा स्थगित किए जाने के फैसले से शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई। लंबे समय से इस परीक्षा को निरस्त कर पदों को पदोन्नति के माध्यम से भरने की मांग कर रहे शिक्षकों ने आतिशबाजी कर अपनी जीत का जश्न मनाया।
राजकीय इंटर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में संगठन के प्रांतीय नेता नवेंदु मठपाल ने कहा कि संगठन बीते एक वर्ष से अधिक समय से इस भर्ती को निरस्त करने, पदोन्नति सूचियाँ जारी करने और लंबित स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी करने जैसी मांगों को लेकर लगातार संघर्षरत था। शासन द्वारा लोक सेवा आयोग को परीक्षा अधिसूचना वापस लेने का निर्देश भेजा जाना शिक्षकों के आंदोलन की बड़ी सफलता है।
उन्होंने कहा कि जब सरकार क्लस्टर स्कूल योजना के ज़रिए सरकारी शिक्षा व्यवस्था के निजीकरण की दिशा में बढ़ रही है, ऐसे समय में सीधी भर्ती परीक्षा का स्थगित होना शिक्षकों की संघर्षशील एकता की शुरुआती जीत है।
संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान और महामंत्री रमेश पैन्यूली की ओर से जारी बयान में बताया गया कि अब 1 नवंबर को देहरादून में प्रस्तावित शिक्षा मंत्री आवास घेरो रैली को भी स्थगित कर दिया गया है।
दोनों पदाधिकारियों ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा मुकुल सती को भेजे पत्र में स्पष्ट किया कि संगठन अभी फिलहाल रैली स्थगित कर रहा है, लेकिन यदि समय रहते शिक्षकों की 34 सूत्रीय मांगों का समाधान नहीं हुआ, तो संगठन पुनः आंदोलन के लिए स्वतंत्र होगा।
इस अवसर पर हरीश आर्य, सी.पी. खाती, महेंद्र आर्य, शैलेन्द्र भट्ट, संत सिंह, बालकृष्ण चंद, सुभाष गोला, प्रदीप शर्मा, संजीव कुमार, उषा पवार, जया बाफिला और राजेंद्र बिष्ट समेत कई शिक्षक उपस्थित रहे।




 


 
																						
 
						 
					 
						 
					 
						 
					 
						 
					 
									 
																							


 
						 
						 
						 
						