उत्तराखण्ड
हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: रामनगर के पम्पापुरी, दुर्गापुरी, भरतपुरी और कौशल्यापुरी मोहल्लों के नियमितीकरण के लिए ड्रोन मैपिंग से होगा सर्वे
हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: रामनगर के पम्पापुरी, दुर्गापुरी, भरतपुरी और कौशल्यापुरी मोहल्लों के नियमितीकरण के लिए ड्रोन मैपिंग से होगा सर्वे
नैनीताल हाईकोर्ट ने रामनगर के पम्पापुरी, दुर्गापुरी, भरतपुरी और कौशल्यापुरी मोहल्लों के नियमितीकरण प्रक्रिया में तेजी लाने का आदेश देते हुए सचिव राजस्व और सचिव शहरी विकास को शीघ्र सर्वे और रिकॉर्ड प्रक्रिया आधुनिक ड्रोन मैपिंग तकनीक से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। यह आदेश पम्पापुरी लोक कल्याण समिति के सचिव शंकर दत्त बौड़ाई द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद पारित किया गया।
याचिका में शंकर दत्त बौड़ाई के अधिवक्ता दुष्यन्त मैनाली ने कोर्ट को बताया कि इन मोहल्लों के नियमितीकरण के लिए 2017 में सर्वे की प्रक्रिया शुरू की गई थी। लेकिन इन इलाकों में मकानों की घनी बसावट के चलते मैनुअल सर्वे संभव नहीं हो पाया। वर्ष 2020 में सर्वे प्रक्रिया बंद कर दी गई, जिसके बाद से नियमितीकरण की पूरी प्रक्रिया तकनीकी आधार पर अटकी हुई थी।
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को यह भी अवगत कराया गया कि इन मोहल्लों में लोग लंबे समय से निवास कर रहे हैं और यह नजूल भूमि नहीं है। 2020 के बाद नियमों में संशोधन करते हुए ड्रोन मैपिंग और डिजिटल मैपिंग जैसी आधुनिक तकनीकों को सर्वे के लिए शामिल किया गया, लेकिन इस तकनीक को इन मोहल्लों में लागू नहीं किया गया।
गौरतलब है कि अगस्त 2024 में समिति अध्यक्ष गणेश रावत के प्रार्थनापत्र पर एसडीएम, तहसीलदार और अधिशासी अधिकारी की संयुक्त टीम ने सर्वे किया था, जिसमें ड्रोन मैपिंग को इन मोहल्लों के लिए उपयुक्त बताया गया। इसके बावजूद इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
अब, हाईकोर्ट ने इस मामले पर गंभीरता दिखाते हुए सरकार को जल्द से जल्द ड्रोन मैपिंग प्रक्रिया को लागू कर मोहल्लों के नियमितीकरण के लिए प्रभावी निर्णय लेने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस फैसले से लंबे समय से अटकी हुई नियमितीकरण प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है, जिससे इन इलाकों में रहने वाले लोगों को बड़ा राहत मिल सकती है।