उत्तराखण्ड
टाइगर की खाल बरामद होने का मामला, जहर देकर मारने वाला शिकारी चढ़ा एसटीएफ के हत्थे
रुद्रपुर। एसटीएफ ने टाइगर की खाल बरामदगी मामले में एक और गिरफ्तारी की है। एसटीएफ ने मुख्य शिकारी को काशीपुर से गिरफ्तार किया है। इसी ने टाइगर को जहर देकर मारा था।
एसटीएफ ने 22 जुलाई की रात्रि सीओ सुमित पाण्डे के नेतृत्व में उत्तराखण्ड एसटीएफ, वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली व तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी की एसओजी की संयुक्त टीम ने खटीमा क्षेत्र में कार्यवाही करते हुए चार शातिर वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 01 टाइगर (बाघ) की खाल व करीब 15 किग्रा बाघ की हड्डी बरामद की थी। गिरफ्तार चारों तस्कर जनपद पिथौरागढ़ स्थित धारचूला के रहने वाले थे। चारों तस्करों ने एसटीएफ को पूछताछ में बताया था कि उक्त खाल व हड्डियाँ वे लोग काशीपुर से एक व्यक्ति से लाये हैं जो कि देहरादून का रहने वाला है वो ही मुख्य शिकारी है उसने ही टाइगर को मारा है।
सूचना पर एसएसपी एसटीएफ उत्तराखण्ड आयुष अग्रवाल द्वारा तुरन्त एसटीएफ व तराई पूर्वी वन प्रभाग, हल्द्वानी की एक संयुक्त टीम का गठन कर शिकारी की तलाश में भेजी गयी। टीम द्वारा कल कार्यवाही करते हुए काशीपुर मण्डी चौकी क्षेत्र से मुख्य अभियुक्त अर्जुन सिंह निवासी रिस्पना, नेहरु कालोनी जनपद देहरादून को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्त द्वारा पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि उसने ही बड़ापुर रेंज बिजनौर के जंगल में 2 माह पहिले इस टाइगर को जहर देकर मारा था फिर उसकी खाल व हड्डियों को निकालकर रख लिया था उन्हीं खाल-हड्डियों को मैने इन चार लोगों को बेचने के लिए दिया था। जो कल खटीमा में माल के साथ पकड़े गये थे।
गिरफ्तार अभियुक्त एक शातिर वन्यजीव शिकारी है जिसके विरुद्ध पूर्व में भी वाइल्ड लाइफ एक्ट के कई मुकदमें विभिन्न जगहों में दर्ज हैं। गिरफ्तार अभियुक्त के नेटवर्क की जानकारी एसटीएफ द्वारा जुटायी जा रही है। गिरफ्तार अभियुक्त अर्जन सिंह पुत्र करतार सिंह निवासी रिस्पना पुल के पास प्रगति विहार थाना नेहरु कालोनी जनपद देहरादून उम्र 40 वर्ष का है। गिरफ्तार करने वाली टीम में एसटीएफ कुमायूँ यूनिट उप निरीक्षक विपिन जोशी, आरक्षी राजेन्द्र मेहरा, आरक्षी संजय कुमार, आरक्षी नवीन कुमार,तराई पूर्वी वन प्रभाग, हल्द्वानी टीम के प्रमोद सिंह बिष्ट डिप्टी रेजर प्रभारी वन सुरक्षा दल, कैलाश चंद्र तिवारी डिप्टी रेंजर पान सिंह मेहता वन दरोगा शामिल थे।