उत्तराखण्ड
काले कृषि कानूनों के खिलाफ जंग जीत कर लौटे किसानों का जगह जगह हो रहा है स्वागत।
रामनगर(नैनीताल)दिल्ली बॉर्डर पर बीते एक साल से चले किसान आन्दोलन में अपनी भागीदारी करके लौटे यहां के किसानों का जगह जगह स्वागत किया गया।
मोदी सरकार द्वारा बनाये गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश के किसान बीते एक साल से आन्दोलनरत रहे।दिल्ली के गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर सरकार से कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसानों का कंधे से कंधा मिलाकर साथ देने के लिए रामनगर के किसान भी बड़ी संख्या में वहां पहुंचे थे।देश के इस बड़े आन्दोलन में रामनगर पीरूमदारा और आस-पास के किसान भी शामिल रहे।बीते एक साल से अपने घर परिवार से दूर यहां के किसान दिल्ली बॉर्डर पर काले कानूनों के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद किये हुए थे।
सरकार और गोदी मीडिया द्वारा इस आन्दोलन को तोड़ने के लिए कई कुचक्र किये गए लेकिन किसान आन्दोलन टूटा नही अलबत्ता और मजबूत होता चला गया हैं और आखिर में जिद्दी सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा।
कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ी लड़ाई जीत कर लौट रहे किसानों का जगह जगह स्वागत हो रहा हैं। रामनगर किसान संघ के अध्यक्ष दीवान सिंह कटारिया और रमन दीप संधू के नेतृत्व में किसानों का विभिन्न राजनीतिक दलों और स्थानीय लोगों ने जमकर स्वागत किया हैं।कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत ने आंदोलनकारी किसानों को फूल माला पहना कर स्वागत किया।
रामनगर से किसानों का नेतृत्व कर रहे दीवान कटारिया और रमन दीप संधू के साथ लखजीत भुल्लर,सोनू हिन्द,सेवक सिंह,कुलदीप पहलवान,हरदीप दीपा, राजेंद्र,अमृत पाल,भूपेंद्र सिंह,हरप्रीत हैप्पी का हल्दुआ,हिम्मतपुर और पीरूमदारा में जोरदार स्वागत हुआ। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सरोफा डाल कर आंदोलनकारी किसानों का स्वागत किया।
इस दौरान किसान नेताओं ने आंदोलन में साथ देने के लिए व्यापारियों का आभार व्यक्त भी किया और मिष्ठान वितरित किया।