उत्तराखण्ड
रामनगर में हर्ष फायरिंग का ‘लाइसेंस’! कानून को ठेंगा, प्रशासन बना ‘बाराती’
रामनगर की शादियों में अब ‘सात फेरे’ कम और ‘सात गोलियां’ ज्यादा चलने लगी हैं! शादी-ब्याह में हर्ष फायरिंग की घटनाएं इतनी आम हो गई हैं कि अब इसे लोग रस्म मानने लगे हैं। शराब के नशे में चूर ‘दबंग टाइप’ लोग अपनी स्टाइल मारने के लिए गोलियां दाग रहे हैं, और पुलिस आराम से बैठकर तमाशा देख रही है।
बीती रात छोई में एक शादी में भी हर्ष फायरिंग हुई, और पार्टी में दो पक्षों में जमकर मारपीट भी हो गई। लेकिन पुलिस? वही घिसा-पिटा फॉर्मूला— “हमें कोई शिकायत नहीं मिली!”
पुलिस सिर्फ “पुछताछ” में बिजी, अपराधियों की ‘शादी स्पेशल’ छूट जारी!
टांडा में हुई ताबड़तोड़ हर्ष फायरिंग कोतवाली पुलिस के संज्ञान में आई थी, कुछ संदिग्धों से पूछताछ भी हुई, लेकिन उसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। यानी अपराधी मस्त और पुलिस सुस्त!
अब सवाल ये है कि रामनगर पुलिस और प्रशासन इन घटनाओं को रोकने के लिए क्या कर रहा है? या फिर ये भी किसी “वीआईपी शादी” में आमंत्रित होने का इंतजार कर रहे हैं?




