उत्तराखण्ड
मृत्यु के बाद भी दो बच्चों की जिंदगी को रोशन कर गईं गीतिका जोशी।
मृत्यु के बाद भी दो बच्चों की जिंदगी को रोशन कर गईं गीतिका जोशी।
रामनगर (नैनीताल) शांतिकुंज लखनपुर, रामनगर निवासी मुकेश जोशी की पत्नी की मृत्यु लंबी बीमारी के बाद ऋषिकेश एम्स में हो गई थी। मृत्यु के बाद डॉक्टरों ने उनकी आंखों का कार्निया बिल्कुल ठीक पाया। ऋषिकेश एम्स के चिकित्सकों ने गीतिका जोशी के पति मुकेश जोशी से आग्रह किया कि वे अपनी पत्नी की आंखें दान कर दें जिससे रोशनी का इंतजार कर रहे दो बच्चों के जीवन का अंधेरा दूर हो जाएगा और उन्हें दुनिया देखने के लिए रोशनी मिल सकेगी।
मुकेश जोशी ने अपने मित्रों एवं परिजनों से सलाह करने के बाद गीतिका जोशी की आंखें दान दीं।
15-20 मिनट की प्रक्रिया पूरी करने के बाद एम्स के चिकित्सकों ने गीतिका जोशी की आंखें दो अन्य व्यक्तियों को लगाकर उनकी जिंदगी को रोशन कर, उनके जीवन में छाया अंधेरा दूर कर दिया ।
मुकेश जोशी द्वारा अपनी पत्नी गीतिका जोशी की आंखें दान करने के निर्णय के लिए समाजवादी लोक मंच के संयोजक मुनीष कुमार तथा उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के महासचिव प्रभात ध्यानी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आंखें दान करना सबसे बड़ा दान है। उन्होंने कहा कि आज भी हमारे समाज में अंगदान, रक्तदान व देहदान को लेकर पिछड़ापन मौजूद है। मुकेश जोशी द्वारा उठाया यह कदम समाज को प्रेरित करने वाला कदम है।
ऋषिकेश एम्स के चिकित्सा निदेशक ने भी पत्र लिखकर नेत्रदान हेतु आभार व्यक्त किया है।
गीतिका जोशी का अंतिम संस्कार हरिद्वार के खड़-खड़ी घाट पर किया गया। अंतिम संस्कार के समय सुरेश लाल, जीवन पांडे, चन्द्र दत्त शर्मा, हेमंत जोशी, एन. एन जोशी, दीप जोशी, पुष्पा जोशी अनुमेहा, विनीश, मनोज जोशी,सुधा शर्मा, जया जोशी, हिमानी जोशी, पुत्री नंदिता जोशी एवं नीति जोशी आदि शामिल रहे।