उत्तराखण्ड
जेल में बंद छात्रों-बेरोजगारों की तुरंत रिहाई की मांग को लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने भेजा ज्ञापन।
रामनगर (नैनीताल) छात्रों और बेरोजगारों पर देहरादून में हुए लाठी चार्ज की घटना से प्रदेश भर में आक्रोश है। पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर सवाल खड़े उठ रहे। इस मुद्दे पर आज राज्य आंदोलनकारियों ने प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर जेल में बंद छात्रों और बेरोजगारों की तुरंत रिहाई की मांग की है। राज्य आंदोलनकारियों आंदोलनकारी बेरोज़गारों छात्रों पर दर्ज मुकदमे को भी वापस लेने की मांग की।
छात्रों, बेरोजगारों, नौजवानों पर दर्ज मुकदमे निरस्त करने ,जेल में बंद सभी बेरोजगार नौजवानों को बिना शर्त रिहा करने व सभी पेपर लीक घोटालों की सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने उपजिलाधिकारी गौरव चटवाल के माध्यम से महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री उत्तराखंड को ज्ञापन भेजा है।
राज्य आंदोलनकारी तहसील परिसर में एकत्र हुए तथा बेरोजगारों के आन्दोलन के समर्थन में नारेबाजी करने लगे। राज्य आंदोलनकारियों का कहना था कि 8-9 फरवरी को देहरादून में हुए लाठीचार्ज ,4000 से ज्यादा बेरोजगार नौजवानों पर मुकदमे दर्ज करने, जेल डालने से उत्तराखंड राज्य का मकसद खत्म हो गया है ।
ज्ञापन में मांग की गई है कि बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार सहित सभी गिरफ्तार बेरोजगार युवाओं को बिना शर्त जेल से रिहा करने, आन्दोलन कर रहे युवाओं के ऊपर दर्ज किये सभी मुकदमें तत्काल निरस्त करने, सभी भर्ती घोटालों की सी.बी.आई जांच मा० उच्चतम न्यायालय की निगरानी में करने की मांग की है।
ज्ञापन देने वालों में चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के महासचिव नवीन नैथानी ,प्रभात ध्यानी ,अनिल कुमार अग्रवाल खुलासा ,हाफिज सईद अहमद, इंद्र सिंह मनराल, पीतांबरी रावत, फजल खान, रईस अहमद, मुन्नी मनराल ,कमला पाठक ,कुंदन सिंह रावत भास्कर जोशी, सुनीता रानी आदि थे।