उत्तराखण्ड
शराब की दुकान के खिलाफ मालधन में महिलाओं का आंदोलन तीसरे दिन भी जारी, सरकार की अनदेखी से नाराज़गी
शराब की दुकान के खिलाफ मालधन में महिलाओं का आंदोलन तीसरे दिन भी जारी, सरकार की अनदेखी से नाराज़गी
रामनगर/मालधन।
मालधन क्षेत्र में खोली गई शराब की दुकान के खिलाफ महिलाओं का जनआंदोलन लगातार जोर पकड़ रहा है। तीसरे दिन भी महिला एकता मंच के बैनर तले सैकड़ों महिलाएं धरने पर डटी रहीं और प्रशासन व सरकार के खिलाफ जमकर विरोध जताया।
धरना स्थल पर आयोजित सभा में समाजवादी लोक मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने कहा कि “उत्तराखंड में शराब माफिया इतने ताकतवर हो चुके हैं कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नई शराब की दुकानें बंद करने की घोषणा भी कागजों तक ही सीमित रह गई है।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “मुख्यमंत्री धाकड़ नहीं बल्कि डरपोक हैं, जो जनता के घर तो अतिक्रमण के नाम पर गिरा सकते हैं लेकिन शराब माफिया के आगे नतमस्तक हैं।”
ग्राम प्रधान पुष्पा देवी ने दो टूक कहा, “हम शराब की दुकान नहीं खुलने देंगे। तुम स्कूल, अस्पताल खुलवाओ – हम साथ हैं, लेकिन गांव में जहर नहीं बिकने देंगे।”
मंजू आर्य ने भी दोहराया कि प्रशासन को अंग्रेजी शराब के फायदे गिनाने के बजाय क्षेत्र में कच्ची शराब पर रोक लगानी चाहिए। “यह सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि समाज को नशे से बचाए,” उन्होंने कहा।
आनंदी ने सवाल उठाया, “अगर स्कूली बच्चे कच्ची शराब और नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं तो क्या सरकार अंग्रेजी शराब को विकल्प बताकर अपनी जिम्मेदारी से बच सकती है?”
भगवती ने कहा, “ये कैसा रामराज्य है भाजपा का? जनता इलाज और अस्पताल की मांग कर रही है, लेकिन सरकार उन्हें शराब थमा रही है।”
महिलाओं का आरोप है कि सरकार उनकी आवाज को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कल आंदोलन की आगामी रणनीति की घोषणा की जाएगी।
धरने को उपपा नेता सुनील, आनंदी, कौशल्या, सरस्वती जोशी, पुष्पा, विनीता, सरिता, पूजा, रजनी, गोदुली, सुनीता, सीता और नंदी ने भी संबोधित किया।




