उत्तराखण्ड
आईटीबीपी जवानों का राशन डकार गये अधिकारी और व्यापारी, सीबीआई ने दर्ज किया केस
देहरादून। आईटीबीपी जवानों के राशन के साथ 70 लाख की हेराफेरी का मामला सामने आया है। गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद सीबीआई ने आईटीबीपी सीमाद्वार में तैनात तत्कालीन कमांडेंट, दो दरोगा और तीन व्यापारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में केस दर्ज कर लिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक आरोपियों ने जवानों को मिलने वाले मीट, मछली, अंडा, दूध और फल की आपूर्ति में सरकार को करीब 70 लाख का चूना लगाया है। इससे पहले भी आरोपी कमांडेंट, दरोगा समेत अन्य के खिलाफ चमोली स्थित अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर में केरोसिन ऑयल की आपूर्ति में बड़ा घोटाला करने पर दर्ज मुकदमे में सीबीआई चार्जशीट दे चुकी है। गृह मंत्रालय के अधीन आईटीबीपी जैसी महत्वपूर्ण सुरक्षा एजेंसी में तैनात कमांडेंट अशोक कुमार गुप्ता (जो वर्तमान में बिहार में तैनात है) ने देहरादून में तैनाती के दौरान सरकार को लाखों का चूना लगा दिया। आरोपी यहां आईटीबीपी 23वीं बटालियन में कमांडेंट के पद पर रहा था । आरोपी कमांडेंट ने 2017 से 2019 के बीच जवानों के लिए आपूर्ति की जाने वाली रसद, मीट, मछली, अंडा, पनीर, फल आदि में बड़ा घोटाला कर अपने दो दरोगा, रसद आपूर्ति करने वाले तीन व्यापारियों के साथ मिलीभगत कर करीब 70 लाख, 56 हजार, 787 रुपये की धनराशि हड़पी है।
मामले में हुई आंतरिक जांच में बड़ा खुलासा होने पर आईजी नॉर्थरन फ्रंटियर सीमाद्वार देहरादून ने गृह मंत्रालय से मुकदमे की अनुमति मांगी। अनुमति मिलने के बाद वर्तमान कमांडेंट पीयूष पुष्कर ने सीबीआई को तहरीर दी है। सीबीआई देहरादून शाखा के SP सतीश कुमार राठी ने केस दर्ज करते हुए पूरे मामले की विस्तृत जांच इंस्पेक्टर शरदचंद गुसाईं को सौंपी है। सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। कमांडेंट के खिलाफ भ्रष्टाचार का दूसरा मुकदमा दर्ज होने से उनके कार्यकाल में तैनात अन्य अफसरों, जवानों और वाहिनी को आपूर्ति करने वाले व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है। कमांडेंट अशोक कुमार गुप्ता , एसआई सुधीर कुमार , एएसआई अनुसूया प्रसाद ,नरेंद्र आहूजा (आहूजा ट्रेडर्स 141 राजपुर रोड), विनय कुमार (हरिद्वार रोड), नवीन कुमार (कौलागढ़ रोड देहरादून) तथा अज्ञात पब्लिक सर्वेंट और प्राइवेट पर्सन के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। मामले की जांच अभी जारी है।