उत्तराखण्ड
इस इलाके में कम नहीं हुआ बाघ का आतंक- राइफल और बंदूकों की सुरक्षा में स्कूल गए बच्चे
रामनगर। कार्बेट टाइगर रिजर्व की ढैला रेंज के पटरानी गांव व उसके आस-पास के क्षेत्र में लगातार बाघ ने आतंक मचाया हुआ है। यहां बाघ के मानवों पर हमले लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसे में नौनिहालों की चिंता भी लाजिमी है। इसे देखते हुए अब बच्चे राइफल और बंदूक की सुरक्षा के बीच स्कूल आ और जा रहे हैं।
पटरानी गांव व आस-पास के इलाके में लगातार बाघ ने आतंक मचाया हुआ है। यह आदमखोर बाघ लोगों को अपना निवाला बना रहे हैं। ऐसे में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की ढेला रेंज में स्थित पटरानी वन गांव से लगभग 80 बच्चे गांव से करीब चार किमी. दूर ढेला स्थित राजकीय इंटर कालेज ढेला में पढ़ने के लिए जाते हैं। गांव से स्कूल का पूरा रास्ता घने जंगल से घिरा होने के कारण बच्चे और उनके अभिभावक बाघ के आतंक से खौफजदा हैं। बाघ से भयभीत बच्चे विद्यालय आने से भी कतरा रहे हैं। जिसको देखते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य श्रीराम यादव द्वारा ढेला रेंजर अजय ध्यानी से पटरानी से आने वाले बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की गई।
उसके बाद कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की ढेला रेंज के ऑफिसर अजय ध्यानी ने रेंज के वन दरोगा भारत सिंह गुसाईं को बाघ प्रभावित संवेदनशील क्षेत्रों में ग्राम पटरानी के स्कूली बच्चों की वन्य जीवों से सुरक्षा के सम्बन्ध में निर्देश देते हुए कहा था कि ग्राम पटरानी के स्कूली बच्चों की वन्य जीवों से सुरक्षा हेतु अग्रिम आदेशों तक वनकर्मियों की एक टीम राईफल/बन्दूक, लाठी, बल्लम जैसे सुरक्षा के संसाधनों सहित संवेदनशील क्षेत्रों में स्कूली बच्चों के आवागमन के समय साथ रहेगी। जिसके लिए दैनिक श्रमिक व अन्य स्टाफ की भी ड्यूटी लगाते हुए जरूरत पड़ने पर बीट वन रक्षक से भी सहयोग लेने की हिदायत दी गई। इस क्रम में बच्चों को वन विभाग के कार्मिकों द्वारा बंदूकों के साथ पूरी सुरक्षा में विद्यालय ले जाया गया। इस दौरान वन दरोगा भारत सिंह गुसाईं, वन आरक्षी गोधन सिंह, करन सती, कपिल रावत, कुबेर बंगारी के साथ अन्य स्टाफ मौजूद रहा।