उत्तराखण्ड
किशोरी की मौत के रहस्य से पुलिस ने उठाया पर्दा- नाबालिग भाई और प्रेमी गिरफ्तार, इस वजह से की थी हत्या
नैनीताल। नैनीताल जिले के खनस्यूं थाना क्षेत्र में हुई किशोरी की हत्या का वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने खुलासा कर दिया है। अपनी उम्र से दोगुने युवक के साथ प्रेम संबंधों की भनक लगने पर भाई ने अपनी सगी बहन को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने हत्या की घटना में शामिल सह- अभियुक्त को भी गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार शेर सिंह, पुत्र- धर्म सिंह निवासी ग्राम कोटली थाना खनस्यू जिला नैनीताल ने थाना खनस्यूं में अपनी पुत्री गीता (17) पुत्री की गुमशुदगी दर्ज कराई। जबकि 26 सितम्बर को ग्रामवासियों को ढूंढखोज के दौरान गीता का शव ग्राम कोटली में बांज के पेड़ों के नीचे मिला। इस पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और साक्ष्य जुटाए। इस मामले में तीन अलग-अलग पुलिस टीमें गठित की गई। पंचायतनामा की कार्यवाही के उपरांत पुलिस टीम द्वारा घटनास्थल के आस-पास सर्च अभियान चलाया गया। जांच में यह बात सामने आई कि गीता का उसी गांव के रहने वाले 35 वर्षीय युवक त्रिलोक सिंह, पुत्र चंदन सिंह निवासी कोटली, खनस्यूं के साथ सम्बन्ध थे। जिन्हे त्रिलोक की पत्नी ने मृतका गीता व अपने पति त्रिलोक को एक साथ में बैठे हुए देख लिया था। जिसके उपरान्त त्रिलोक की पत्नी, मृतका गीता व उसकी माँ के मध्य बहस हुई।
इस घटना से गीता का छोटा भाई काफी आवेशित हुआ और जब गीता घर नही आयी तो उसे ढूंढने के दौराने पहाड़ों की पगडंगी के किनारे अपनी बहन गीता के मिलने पर उसके भाई ने गीता के डुपट्टे से ही गला घोटकर उसकी हत्या कर दी गयी और शव को वही झाड़ियों में छुपा दिया और अगले दिन त्रिलोक सिंह उपरोक्त के ऊपर दबाव बनाया कि यदि मृतका गीता का शव घटनास्थल से कही और छुपाने में उसने साथ नही दिया तो वह उसे अर्थात त्रिलोक को भी गीता की हत्या की साजिश में फंसा देगा इसके बाद दोनो ने मिलकर मृतका गीता के शव को घटनास्थल के पास ही बांज के पेड़ों के पास छुपा दिया। इस मामले में पुलिस ने एक्स्ट्रा ज्यूडिशियरी एविडेंस के आधार पर दो अक्टूबर को उक्त अभियोग में गीता की हत्या करने में विधि विरुद्ध बालक (मृतका का भाई) उम्र 16 वर्ष एवम मृतका गीता के शव को छिपाने में सहायता करने में सह अभियुक्त त्रिलोक सिंह कोटलिया पुत्र चंदन सिंह को हिरासत में लिया । मामले में सम्मिलित मृतका का भाई विधि विरुद्ध बालक को जे.जे. एक्ट के प्रविधानो के अनुसार उसके पिता/संरक्षक शेर सिंह को नियमानुसार रखा गया। जिन्हें सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया जा रहा है।