उत्तराखंड दर्शन
सूर्यवंशी राजाओं की कथा सुन भावविभोर हो उठे श्रद्घालु
हल्द्वानी। जगदम्बा मन्दिर परिसर में श्रीमद् देवी भागवत महापुराण की कथा के सातवें दिन बुधवार को व्यास डा. मनोज पाण्डे ने सूर्यवंशी राजाओं की कथा सुनाई। कहा कि सरियाती की पुत्री सुकन्या ने अपने चरित्र से यह संदेश दिया है कि व्यक्ति से बड़ा राष्ट्र होता है।
व्यास ने त्रिशंकु के बाद राजा हरीश चन्द्र की कथा सुनाते हुए कहा कि संसार सत्य पर टिका है। कथा से पूर्व मन्दिर में विश्व शान्ति यज्ञ हुआ। व्यास ने कहा कि सरियाती की पुत्री सुकन्या ने तप में लीन च्यवन ऋर्षि की आंखें फोड़ दिये जाने पर उस राज्य में महामारी आ गई। जिसका उपाय पूछने पर ऋर्षि ने राजा के समक्ष सुकन्या से ही विवाह का प्रस्ताव रख दिया। राजा नहीं चाहता था, लेकिन सुकन्या ने कहा आप एक राजा है और इस नाते मेरा त्याग करिये। एक व्यक्ति के त्याग से राष्ट्र का हित होता है तो राजा को वही करना चाहिए।
गायत्री के उपासक च्यवन ऋर्षि के साथ विवाह होते ही भगवती प्रकट हो गई और महामारी समाप्त हो गई। व्यास जी के साथ मंच पर कीर्तन मण्डली में जगदीश लोहनी, प्रभाकर जोशी और सूरज थे। कथा प्रारम्भ होने से पूर्व सुबह डा. भुवन चन्द्र त्रिपाठी के निर्देशन में यज्ञाचार्य पंडित आचार्य खष्टाबल्लभ पाठक ने यज्ञ मंडप में नित्य पूजा कराई। जिसमें मुख्य यजमान राकेश पाण्डे, हितेंद्र (सोनू) उप्रेती, दिनेश काण्डपाल थे।
पूजा अर्चना में सहयोगी पण्डित उमेश चन्द्र त्रिपाठी, विनय जोशी, देशदीपक त्रिपाठी, राकेश काण्डपाल व शुभम पन्त थे। नित्य पूजा के बाद हुए विश्वशान्ति यज्ञ में मुख्य यजमानों के साथ रमेश चन्द्र पाण्डे, आशुतोष जोशी, योगेंद्र जोशी, जगदीश तिवारी, मनीष जोशी, प्रकाश पन्त, पंकज जोशी, पुष्कर सिंह डसीला, चन्द्र शेखर जोशी ने आहुति अर्पित की। इस अवसर पर जगदम्बा मन्दिर समिति के अध्यक्ष उमेश चन्द्र पाण्डेय, सचिव विनोद पाण्डेय, सौरभ भट्ट, पंकज बोरा, कमल उप्रेती, अंकित बिष्ट, आर के मिश्रा, बॉबी मौर्या सहित दर्जनों श्रोता मौजूद रहे।