उत्तराखण्ड
जंगल में टूरिज्म जोन पर मचा घमासान: कोई बोले खतरा जान का, कोई कहे रोजगार का नया दरवाजा!
जंगल में टूरिज्म जोन पर मचा घमासान: कोई बोले खतरा जान का, कोई कहे रोजगार का नया दरवाजा!
रामनगर (नैनीताल)।
तराई पश्चिमी वन प्रभाग के छोई क्षेत्र में जंगल सफारी के लिए चांदनी जोन में नया टूरिज्म गेट खोले जाने की तैयारी है, लेकिन इससे पहले ही जंगल में टूरिज्म जोन को लेकर घमासान छिड़ गया है। एक तरफ कुछ गांवों के लोग इस प्रस्तावित टूरिज्म जोन का विरोध कर रहे हैं, तो दूसरी ओर छोई गांव के कई ग्रामीण इसे जल्दी शुरू करने की मांग कर रहे हैं।
सोमवार को टेढ़ा, क्यारी, गैबुआ और छोई के सैकड़ों ग्रामीणों ने तराई पश्चिमी वन प्रभाग मुख्यालय पर प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जताई। विरोध करने वालों का कहना है कि जंगल में पर्यटकों की बढ़ती आवाजाही से बाघ, गुलदार और हाथी जैसे जंगली जानवर हिंसक हो सकते हैं और रिहायशी इलाकों में घुसकर ग्रामीणों की जान को खतरे में डाल सकते हैं। उनका साफ कहना है कि पर्यटन से ज्यादा जरूरी है उनकी सुरक्षा और जान-माल की सलामती।
लेकिन विरोध खत्म होते ही उसी जगह पहुंचे छोई गांव के कुछ अन्य ग्रामीण, जिन्होंने DFO प्रकाश चंद्र आर्य से मुलाकात कर चांदनी जोन को जल्द शुरू करने की मांग की। उनका कहना है कि इस पर्यटन जोन से छोई क्षेत्र में रोजगार और स्थानीय व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने दावा किया कि विरोध करने वाले अधिकांश लोग दूसरे गांवों से हैं, जबकि छोई के ज़्यादातर लोग इस ज़ोन के पक्ष में हैं।
इस पूरे विवाद के बीच DFO प्रकाश चंद्र आर्य ने साफ कर दिया कि अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चला, तो अप्रैल महीने से चांदनी जोन में पर्यटन गतिविधियाँ शुरू कर दी जाएंगी।
अब देखने वाली बात ये होगी कि जंगल में टूरिज्म का ये नया दरवाज़ा रोजगार खोलेगा या फिर लोगों की चिंता को और गहरा करेगा। फिलहाल, जंगल के सन्नाटे से पहले इंसानों की आवाजें तेज़ हैं – और फैसला वक़्त करेगा कि जीत किसकी होती है।




