उत्तराखण्ड
शाइनिंग स्टार स्कूल में बच्चों के इंग्लिश लिटरेचर पर दो दिवसीय सेमिनार की शुरुआत, पहले दिन बच्चों ने दिखाई शानदार प्रतिभा
शाइनिंग स्टार स्कूल में बच्चों के इंग्लिश लिटरेचर पर दो दिवसीय सेमिनार की शुरुआत, पहले दिन बच्चों ने दिखाई शानदार प्रतिभा
रामनगर। शाइनिंग स्टार स्कूल के कैंपस में शुक्रवार से बच्चों के इंग्लिश लिटरेचर पर आधारित दो दिवसीय सेमिनार की शुरुआत हुई। कार्यक्रम में छात्रों ने न केवल साहित्यकारों की रचनाओं पर बात की, बल्कि उन्हें नाटकीय और जीवंत अंदाज़ में प्रस्तुत भी किया।
सेमिनार का पहला दिन पूरी तरह से साहित्यिक रंग में रंगा रहा। कार्यक्रम की शुरुआत प्रसिद्ध ब्रिटिश लेखक रोआल्ड डाहल और उनकी क्लासिक कृतियों “द BFG” और “Matilda” की प्रस्तुति से हुई। 9वीं कक्षा की परधी और मुस्कान के नेतृत्व में रिया, गार्गी, दिया शाह, मानसी, योग्यता और शिवानी ने दर्शकों को रोआल्ड डाहल की कल्पनाशील दुनिया में ले जाते हुए उनके जीवन, लेखन शैली और किरदारों पर विस्तार से बात की। टीम ने सेमिनार पेपर के साथ नाटकीय अंदाज़ में प्रस्तुति देकर माहौल को रोचक बना दिया।
इसके बाद मंच संभाला गया रस्किन बॉन्ड पर आधारित प्रस्तुति के लिए। आयुषी नेगी और दिशा के नेतृत्व में हंसी, पूर्वी और कोमल ने प्रसिद्ध भारतीय लेखक रस्किन बॉन्ड की कहानियों “द रूम ऑन द रूफ” और “द टनल” को बेहद सरल, भावनात्मक और दिल छू लेने वाले अंदाज़ में प्रस्तुत किया। टीम की मेंटर माही बिष्ट ने बच्चों को न सिर्फ गाइड किया, बल्कि उनकी परफॉर्मेंस को संवेदनशील और सहज बनाने में अहम भूमिका निभाई। रस्किन बॉन्ड की तरह ही, बच्चों ने भी सादगी में गहराई दिखाकर दर्शकों को बांधे रखा।
पहले दिन की अंतिम प्रस्तुति शैनन मैसेंजर की प्रसिद्ध श्रृंखला “द कीपर ऑफ द लॉस्ट सिटीज़” पर रही। वरुण और आरवी के नेतृत्व में नैतिक असवाल, विकास, पारुल और प्रियांशु ने एक नई कल्पनाशील दुनिया की झलक पेश की। भाग्यश्री के मार्गदर्शन में तैयार इस टीम ने टेलीपैथी और टेक्नोपैथी जैसे अद्भुत विषयों पर रोचक बातचीत और नाटकीय प्रस्तुति के ज़रिए दर्शकों को एक अनजान लेकिन मोहक दुनिया की सैर कराई।
सेमिनार का औपचारिक उद्घाटन मुख्य अतिथि इमरान खान (प्रसिद्ध नेचुरलिस्ट और एनकरेजमेंटलिस्ट) ने किया। उन्होंने छात्रों की प्रस्तुतियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन बच्चों में सोचने, पढ़ने और अभिव्यक्त करने की क्षमता को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ सीखने और अभिव्यक्ति की प्रक्रिया को जारी रखना ही सच्ची शिक्षा है।
कार्यक्रम में लगभग 150 छात्र, शिक्षक और अभिभावक उपस्थित रहे। टीचिंग स्टाफ के कैसर राणा ने टीमों के निर्देशन, गाइडेंस और मोटिवेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्कूल प्रबंधन ने छात्रों की रचनात्मकता और प्रस्तुति की जमकर सराहना की।
सेमिनार के पहले दिन ने यह साबित कर दिया कि नई पीढ़ी न सिर्फ टेक्नोलॉजी की दुनिया में, बल्कि किताबों और विचारों की दुनिया में भी गहराई से डूब सकती है — बस उन्हें सही मंच और दिशा मिलनी चाहिए।








