उत्तराखण्ड
रामनगर में दो-दो हत्याएं… और आखिरकार पर्दाफाश: पत्थर जैसी संवेदनहीनता, रिश्तों की आड़ में चलता खून का खेल!
रामनगर में दो-दो हत्याएं… और आखिरकार पर्दाफाश: पत्थर जैसी संवेदनहीनता, रिश्तों की आड़ में चलता खून का खेल!
रामनगर में बीते कुछ दिनों में सामने आई दो सनसनीखेज हत्याओं ने साबित कर दिया है कि समाज के भीतर रिश्तों के नाम पर पनप रही हिंसा पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक हो चुकी है। एक तरफ पत्नी की हत्या करने वाला पति और दूसरी तरफ जमीनी लालच में अपने ही पिता को मौत के घाट उतारने वाले बेटों—यह दो मामले सिर्फ अपराध नहीं, बल्कि चरमराते सामाजिक ढांचे का आईना हैं।
पहली हत्या: अवैध संबंधों की आग में झुलसी एक मासूम जिंदगी
11 नवंबर को रामनगर कोतवाली में सुनीता देवी ने तहरीर देकर बताया कि उनकी पोती प्रीति को उसके ही पति अक्षय कुमार ने गला दबाकर मार डाला।
अवैध संबंधों के शक में अक्षय ने अपनी पत्नी का गला घोंट दिया—इतनी निर्ममता कि जिसने सात फेरों में साथ निभाने की कसमें खाईं, उसी ने मौत का फंदा कस दिया।
अक्षय कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। रिश्तों के नाम पर हो रही ऐसी बर्बर वारदातें बताती हैं कि समाज अंदर से कितना गल चुका है।
दूसरी हत्या: जमीनी विवाद में पिता की हत्या कर देने वाले बेटे
13 नवंबर को रियाज ने अपने पिता सलीम की हत्या की तहरीर दी—सिर पर वार कर रात के अंधेरे में हत्या कर दी गई थी।
जांच में सामने आया कि यह कोई बाहरी हमलावर नहीं, बल्कि मृतक के ही दो बेटे—नईम और नाजिम—इस कत्ल के पीछे थे।
जमीनी विवाद… और बेटे ही बाप के कातिल! इंसानियत किस मोड़ पर खड़ी है?
आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल डंडा भी बरामद कर लिया गया है।
दोनों मामलों की पड़ताल एक खौफनाक सच्चाई बताती है
- रिश्तों में सड़ रहा अविश्वास
- लालच की ऐसी आग जिसमें इंसानियत जलकर खाक
- घर ही अब सबसे बड़ा क्राइम सीन बन चुका है
रामनगर में हुई ये दोनों हत्याएं समाज को झकझोर देने वाली हैं। सवाल सिर्फ इतना है—आखिर इंसान कब अपनी हैवानियत पर लगाम लगाएगा?
कानून अपना काम करेगा, लेकिन क्या परिवार और रिश्तों में पनप रही विकृतियों पर हम कोई रोक लगा पाएंगे?






पहली हत्या: अवैध संबंधों की आग में झुलसी एक मासूम जिंदगी
दूसरी हत्या: जमीनी विवाद में पिता की हत्या कर देने वाले बेटे


