उत्तराखण्ड
विनाशकारी विकास के मॉडल से जूझ रहा है उत्तराखंड, जोशीमठ जीताजागता उदाहरण
हल्द्वानी। देश इस समय एक अभूतपूर्व राजनीतिक चुनौती से जूझ रहा है। देश में संविधान, लोकतंत्र, न्याय और तमाम संस्थानों पर केंद्र में बैठी हुई सरकार ने हमला बोल दिया है। सांप्रदायिक फासीवादी हमले के खिलाफ देश को व्यापक विपक्षी एकता और आंदोलनों की जुझारू वामपंथ की मजबूत ताकत की जरूरत है। यह बात भाकपा(माले) की उत्तराखंड राज्य कमेटी की ऑनलाइन बैठक को संबोधित करते हुए भाकपा (माले) के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड दीपांकर भट्टाचार्य ने कही।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड इस समय जिस विनाशकारी विकास के मॉडल से जूझ रहा है। जोशीमठ उसकी जीती-जागती मिसाल है। इस विनाशकारी विकास के मॉडल के खिलाफ लड़ाई न केवल उत्तराखंड की बल्कि सभी हिमलायी राज्यों की जरूरत है। उन्होंने उत्तराखंड में पार्टी के मजबूती के लिए विशेष प्रयासों की आवश्यकता पर जरूरत पर विशेष बल दिया।पार्टी के वर्तमान राज्य सचिव कॉमरेड राजा बहुगुणा केंद्रीय कंट्रोल कमीशन के अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। चूंकि कंट्रोल कमीशन पार्टी का सर्वोच्च शिकायत निवारण निकाय, अतः इसके अध्यक्ष किसी निचले पार्टी ढांचे के सदस्य नहीं हो सकते. इसलिए भाकपा(माले) की यह विशेष ऑनलाइन बैठक कॉमरेड राजा बहुगुणा के केन्द्रीय कंट्रोल कमीशन के अध्यक्ष चुने जाने के चलते हुए रिक्त हुए राज्य सचिव पद पर चुनाव हेतु आयोजित की गयी.
राज्य कमेटी ने बहुमत से कॉमरेड इन्द्रेश मैखुरी को राज्य सचिव चुन लिया। केंद्रीय कंट्रोल कमीशन के चेयरमैन और निवर्तमान राज्य सचिव कॉमरेड राजा बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखंड में पार्टी को नयी ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए सामूहिक नेतृत्व के साथ भाकपा(माले) को उत्तराखंड के तमाम संघर्षों की प्रतिनिधि पार्टी बनाने के लिए आगे बढ़ने का यह मुफीद समय है। भाकपा (माले) के नवनिर्वाचित राज्य सचिव कॉमरेड इन्द्रेश मैखुरी ने कहा कि इस समय उत्तराखंड में जीवन, रोजगार और पर्यावरण पर सत्तापक्ष ने चौतरफा हमला बोल दिया है। प्रदेश में युवाओं के रोजगार की सरेआम लूट हो रही है। जोशीमठ समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में लोग अपने जल-जंगल-जमीन को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। प्रदेश की जनता के सवालों पर पार्टी मजबूती से जनता के साथ खड़ी है और प्रदेश में संघर्षशील ताकतों की एकजुटता के लिए प्रयास करेगी।
बैठक में 15 से 20 फरवरी तक पटना में आयोजित पार्टी के राष्ट्रीय महाधिवेशन की समीक्षा की गयी और महाधिवेशन को पार्टी कतारों व व्यापक वाम-जनवादी ताकतों के बीच फासीवाद विरोधी संघर्ष के लिए उत्साह पैदा करने वाला करार दिया गया। बैठक में भाकपा(माले) के केंद्रीय कमेटी सदस्य कॉमरेड संजय शर्मा, राजेंद्र प्रथोली, पुरुषोत्तम शर्मा, एक्टू के प्रदेश महामंत्री कॉमरेड के.के बोरा, वरिष्ठ नेता कॉमरेड बहादुर सिंह जंगी, किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष कॉमरेड आनंद सिंह नेगी, कॉमरेड अतुल सती, कॉमरेड डा. कैलाश पांडेय, कॉमरेड गोविंद कफलिया, कॉमरेड राजेंद्र जोशी, कॉमरेड के.पी चंदोला, कॉमरेड विमला रौथाण व राज्य कार्यालय सचिव कॉमरेड ललित मटियाली आदि शामिल थे।