उत्तराखण्ड
रामनगर: पूछड़ी के ग्रामीण 28 अक्टूबर को एसडीएम कार्यालय में करेंगे भूख हड़ताल, घरों को बचाने के लिए लड़ाई जारी
रामनगर (नैनीताल): पूछड़ी क्षेत्र के ग्रामीण अपने घरों को बचाने के लिए आगामी 28 अक्टूबर, सोमवार को रामनगर एसडीएम कार्यालय पर एक दिवसीय भूख हड़ताल करेंगे। यह निर्णय संयुक्त संघर्ष समिति की व्यापार भवन में आयोजित एक बैठक में लिया गया, जिसमें ग्रामीणों ने अपने घरों को बचाने और वन ग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा देने की मांग पर जोर दिया।
बैठक में भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 को गैर-संवैधानिक करार देते हुए इसे तुरंत समाप्त करने की मांग की गई। वक्ताओं का कहना था कि मोदी सरकार ने ब्रिटिश कालीन भारतीय दंड संहिता में बदलाव करते हुए इसे न्याय संहिता का नाम दिया, लेकिन इसके तहत लागू किए गए नए कानून और भी क्रूर साबित हो रहे हैं।
बैठक में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार द्वारा पूछड़ी और अन्य क्षेत्रों में घरों को तोड़ने की कार्रवाई अनुचित है। साथ ही, वन ग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा देने, भारतीय वन अधिनियम, 1927 (उत्तरांचल संशोधन 2001) को रद्द करने और किसी भी व्यक्ति को हटाने से पहले पुनर्वास की मांगों को लेकर आंदोलन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
धामी-बलूनी के विवाद से ग्रामीण प्रभावित
बैठक में यह भी आरोप लगाया गया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पौड़ी लोकसभा सांसद अनिल बलूनी के बीच आपसी राजनीतिक खींचतान के कारण पूछड़ी के ग्रामीणों को इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है। नैनीताल-उधम सिंह नगर के सांसद अजय भट्ट के संसदीय क्षेत्र के वन गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा दिया जा रहा है, जबकि बलूनी के संसदीय क्षेत्र के वन गांव पूछड़ी को उजाड़ने की कार्रवाई की जा रही है। ग्रामीणों का मानना है कि मुख्यमंत्री धामी अनिल बलूनी का कद घटाने के लिए उनके वादों के खिलाफ जाकर यह कदम उठा रहे हैं।
कानूनी और सड़क संघर्ष जारी रखने का ऐलान
प्रभागीय वनाधिकारी, तराई पश्चिमी रामनगर द्वारा की जा रही बेदखली की कार्रवाई को ग्रामीणों ने गैरकानूनी बताते हुए कहा कि वे इस मुद्दे पर न्यायालय और सड़कों पर संघर्ष जारी रखेंगे। बैठक में शामिल वक्ताओं ने ग्रामीणों के संघर्ष को मजबूती से आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।
इस बैठक में उपपा नेता प्रभात ध्यानी, इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित रुहेला, महिला एकता मंच की सरस्वती, साहिस्ता, दुर्गा देवी, आइसा के सुमित, ग्राम प्रधान रमेश आर्य समेत अन्य सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।