उत्तराखण्ड
कॉर्बेट प्रशासन के खिलाफ फूटा जन आक्रोश, ग्रामीणों ने कहा – इंसानों की जान से बड़ा नहीं है कोई टाइगर!
कॉर्बेट प्रशासन के खिलाफ फूटा जन आक्रोश, ग्रामीणों ने कहा – इंसानों की जान से बड़ा नहीं है कोई टाइगर!
रामनगर–
कॉर्बेट प्रशासन की लापरवाही और जंगलराज के खिलाफ जनता का गुस्सा आखिरकार सड़कों पर फूट पड़ा। संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी कार्यालय पर जोरदार धरना प्रदर्शन किया। मांग साफ थी – जंगली जानवरों और बंदरों के आतंक से लोगों को सुरक्षा दो, फर्जी मुकदमे वापस लो और मृतकों को 25 लाख, घायलों को 10 लाख का मुआवजा दो वरना जेल भरो आंदोलन होगा!
धरने के दौरान पार्क निदेशक साकेत बड़ौला ने खुद माना कि कॉर्बेट में टाइगरों की संख्या उसकी क्षमता से चार गुना अधिक हो चुकी है और देश का कोई भी टाइगर रिजर्व कॉर्बेट के टाइगर्स को अपनाने को तैयार नहीं है।
फर्जी मुकदमों पर जनता का अल्टीमेटम – जेल भरो आंदोलन होगा
सांवल्दे के ग्रामीणों पर लगाए गए फर्जी मुकदमों को लेकर समिति ने तीखा रुख अपनाया। ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी – यदि हमारे किसी भी साथी को गिरफ्तार किया गया तो हम पूरे उत्तराखंड की जेलें भर देंगे। यह सिर्फ चेतावनी नहीं, जनता का क्रांतिकारी एलान है।
संरक्षण नहीं, बैलेंस हंटिंग चाहिए!
संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक ललित उप्रेती ने साफ कहा – इंसानों की लाशों के ढेर पर टाइगर संरक्षण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जब कोई टाइगर इंसानी बस्तियों पर हमला करता है, तो उसे ‘बाघ’ नहीं बल्कि ‘हत्यारा’ माना जाना चाहिए। उन्होंने वन विभाग से मांग की कि यदि टाइगरों को हटाया नहीं जा सकता तो उनकी बैलेंस हंटिंग (संतुलन शिकार) की जाए।
सरकार और विभाग को एक और मौका – 7 अप्रैल तक
आंदोलन की अगली रणनीति के लिए 7 अप्रैल को सांवल्दे पश्चिम गांव में बड़ी बैठक बुलाई गई है। ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ शुरुआत है। अगर मांगें नहीं मानी गईं तो यह आंदोलन पूरे प्रदेश में ज्वालामुखी बनकर फटेगा।
महिलाओं और संगठनों ने भी दिखाई एकजुटता
धरने का संचालन तारा बेलवाल ने किया और सभा को महिला एकता मंच की ललिता रावत, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिंवाल, समाजवादी लोकमंच के मुनीष कुमार, वन अधिकार समिति देवीचौड़ा के प्रेम आर्य, भाकपा-माले के अमन, इंकलाबी मजदूर केंद्र के भूवन, कवि गिरीश बौड़ाई व अन्य नेताओं ने संबोधित किया।




