उत्तराखण्ड
डीएफओ तराई पश्चिमी द्वारा जारी बेदखली आदेशों पर रोक की मांग, ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
रामनगर: ग्राम पूछड़ी कालू सिद्ध के 151 परिवारों पर बेदखली की कार्रवाई को रोकने और डीएफओ (वन अधिकारी) तराई पश्चिमी रामनगर द्वारा जारी किए गए बेदखली आदेशों के खिलाफ ग्रामीणों ने संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में एसडीएम कार्यालय पर धरना दिया। इसके बाद, जिलाधिकारी नैनीताल को ज्ञापन प्रेषित किया गया, जिसमें ग्रामीणों के अपील करने के अधिकार की सुरक्षा की मांग की गई है।
धरने के दौरान ग्रामीणों ने कहा कि डीएफओ तराई पश्चिमी ने कानूनी प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए बेदखली के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि 151 परिवार कौन हैं, जिनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि डीएफओ कार्यालय न तो ग्रामीणों द्वारा प्रार्थना पत्र स्वीकार कर रहा है और न ही उनके द्वारा प्रस्तुत जवाबों को। संयुक्त संघर्ष समिति का कहना है कि उत्तराखंड वन अधिनियम 1927 के तहत ग्रामीणों को 10 दिनों के भीतर अपील करने का अधिकार है, जिसे डीएफओ द्वारा नकारा जा रहा है।
संघर्ष समिति ने जिलाधिकारी से मांग की कि संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत सभी नागरिकों को कानून के समक्ष समानता का अधिकार है। इसलिए, पूछड़ी और कालू सिद्ध जैसे वन ग्रामों को बिंदुखत्ता की तर्ज पर राजस्व ग्राम घोषित करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए और वन अधिकार कानून 2006 को पूरी तरह से लागू किया जाए।
भारतीय वन अधिनियम का विरोध
संयुक्त संघर्ष समिति ने भारतीय वन अधिनियम 1927 उत्तराखंड संशोधन का विरोध करते हुए कहा कि इस अधिनियम के तहत वनाधिकारियों को नोटिस देने, जांच करने, मुकदमा सुनने और निर्णय लेने की सारी शक्तियां दी गई हैं, जो कि संविधान के अनुच्छेद 50 का उल्लंघन है। इसलिए, इस संशोधन को रद्द करके 2001 से पूर्व की व्यवस्था को बहाल करने की मांग की गई है।
ग्रामीणों ने अपने ज्ञापन के साथ राजस्व विभाग का पुराना नक्शा, जिसमें ग्राम पूछड़ी को बंजर भूमि बताया गया है, डीएफओ कार्यालय में दिए गए प्रार्थना पत्र की प्रति, और 1996 में काशीपुर न्यायालय द्वारा वन विभाग के मुकदमे को खारिज करने का आदेश भी संलग्न किया है।
आंदोलन की अगली रणनीति
संघर्ष समिति ने घोषणा की है कि 16 अक्टूबर को ग्राम पूछड़ी में आगामी रणनीति तय करने के लिए ग्राम समिति की बैठक बुलाई जाएगी। धरना सभा का संचालन ललित उप्रेती ने किया और इसे कई नेताओं और संगठनों के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया, जिनमें उपपा नेता प्रभात ध्यानी, इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित रुहेला, महिला एकता मंच की ललिता रावत, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिंबाल और पंचायत संघर्ष मोर्चा के मोहम्मद सफी शामिल थे।