उत्तराखण्ड
रामनगर: बुलडोजर राज के खिलाफ उठी जनाक्रोश की लहर
रामनगर (नैनीताल) के वन ग्राम पूछड़ी में नगर पालिका को हस्तांतरित की गई वन भूमि का सीमांकन करने पहुंची वन विभाग और पुलिस प्रशासन की टीम का ग्रामीणों ने जोरदार विरोध किया। जब प्रशासन ने जेसीबी से सीमांकन कार्य शुरू किया, तो गांववासियों ने उसके समक्ष धरने पर बैठकर अपना विरोध प्रकट किया।
तराई पश्चिमी वनाधिकारी पीसी आर्य द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि किसी का भी घर नहीं तोड़ा जाएगा, तब जाकर ग्रामीणों का आक्रोश कुछ शांत हुआ। लेकिन यह विरोध केवल एक शुरुआत थी, क्योंकि ग्रामीणों ने साफ कह दिया कि वे किसी भी कीमत पर अपने घरों को नहीं टूटने देंगे।
संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा बुलडोजर राज के खिलाफ एक महापंचायत का आयोजन 29 अगस्त को वन ग्राम पूछड़ी के रामलीला मैदान में किया जाएगा। इस महापंचायत को सफल बनाने के लिए ग्रामीणों ने कालू सिद्ध में एक रैली निकाली और जनता से महापंचायत में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का आह्वान किया।
सभा में ग्रामीणों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, “हम पहले ही अभाव में जी रहे हैं। अगर सरकार हमारे घरों को तोड़ देती है, तो हम अपने बच्चों के साथ कहां जाएंगे? हम अपनी जान दे देंगे, लेकिन अपने घरों को नहीं टूटने देंगे।”
इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन, भाकियू, भाकपा माले, उपपा, वन पंचायत संघर्ष मोर्चा, संयुक्त किसान मोर्चा, वन गूजर नेता, और संयुक्त श्रमिक मोर्चा समेत कई संगठनों के नेताओं ने अपनी भागीदारी की स्वीकृति दी है।
विरोध प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों ग्रामीण, जिसमें सीमा तिवारी, सरस्वती जोशी, अंजुम, फरजाना, शाहिस्ता, जुबेर, किसान शर्मा, एस लाल, प्रभात ध्यानी, रोहित रुहेला, फूल कुमार, परवीन सैनी, मुनीष कुमार जैसे नाम शामिल हैं, पूरी दृढ़ता के साथ मौजूद थे।
यह विरोध प्रदर्शन सरकार के बुलडोजर राज के खिलाफ ग्रामीणों की एकजुटता और संघर्ष का प्रतीक बन चुका है। 29 अगस्त की महापंचायत में जनता की आवाज़ को दबाने का कोई भी प्रयास ग्रामीणों के हौसले को कमजोर नहीं कर पाएगा।