उत्तराखण्ड
जहाँ वोट नहीं, वहाँ बुलडोजर है!
भेदभावपूर्ण बुलडोजर नीति? सरकार पर वोट बैंक बचाने के लिए चुनिंदा अतिक्रमण हटाने के आरोप
रामनगर/जसपुर, एटम बम न्यूज़ डेस्क
उत्तराखंड में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाइयों पर अब सवाल उठने लगे हैं। शनिवार को तराई पश्चिमी वन प्रभाग के कुमुगडार आरक्षित वन क्षेत्र में वन गुज्जरों के अतिक्रमण पर कार्रवाई करते हुए वन विभाग ने लगभग 15 हेक्टेयर जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया। लेकिन इस कार्रवाई ने सरकार की नीयत पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
राजनीतिक एंगल से चल रहा है बुलडोजर?
आरोप लग रहे हैं कि अतिक्रमण हटाने की ये कार्रवाई निष्पक्ष नहीं, बल्कि राजनीतिक गणना के आधार पर की जा रही है। जहाँ सत्ता पक्ष को वोट बैंक के खिसकने का डर नहीं है, वहाँ बुलडोजर बेरोकटोक चलता है। लेकिन जहाँ सरकार को सियासी नुकसान की आशंका होती है, वहाँ अतिक्रमण चाहे जितना बड़ा हो, प्रशासन की नींद नहीं खुलती।
शांतिपूर्ण कार्रवाई या रणनीतिक सियासत?
शनिवार को प्रभागीय वनाधिकारी, तराई पश्चिमी वन प्रभाग रामनगर के निर्देशन में जसपुर क्षेत्र में ये कार्रवाई की गई। उप प्रभागीय वनाधिकारी, वन सुरक्षा बल, राजस्व विभाग, पुलिस बल व अधीनस्थ स्टाफ की मौजूदगी में कुमुगडार आरक्षित वन क्षेत्र में अवैध रूप से बसे वन गुज्जरों की झोपड़ियों के आसपास की भूमि को खाई खोदकर कब्जे में लिया गया। अधिकारियों ने दावा किया कि कार्रवाई शांतिपूर्ण रही और करीब 15 हेक्टेयर जमीन को मुक्त कराया गया।
इससे पहले आमपोखरा बीट में भी इसी तरह की कार्रवाई की गई थी। लेकिन सवाल ये है कि क्या सरकार सिर्फ उन्हीं इलाकों में कार्रवाई कर रही है जहाँ उसका वोट बैंक प्रभावित नहीं होता?
भेदभाव का आरोप, वन गुज्जरों में आक्रोश
वन गुज्जर समुदाय में इसे लेकर नाराजगी देखी जा रही है। उनका कहना है कि दशकों से वे इन जंगलों में रह रहे हैं, और उन्हें जबरन उजाड़ा जा रहा है जबकि कई अन्य अतिक्रमणकारी इलाकों को सरकार नजरअंदाज कर रही है।
विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है। उनका कहना है कि बुलडोजर का इस्तेमाल एक ‘राजनीतिक औजार’ बन चुका है। सत्ता पक्ष अपने हितों के अनुसार चुनिंदा कार्रवाई करवा रहा है और बाकी जगह चुप्पी साध रखी है।
जरूरत नीति की, न कि राजनीति की
सवाल अब यह है कि क्या अतिक्रमण पर कार्रवाई का मापदंड राजनीतिक लाभ-हानि होगा या कानून और न्याय के आधार पर कार्रवाई होगी? अगर सरकार सच में अतिक्रमण के खिलाफ सख्त है, तो उसे पूरे राज्य में एक समान नीति अपनानी होगी। नहीं तो ये आरोप और गहराते जाएंगे कि बुलडोजर सिर्फ वोट बैंक न होने वालों पर ही चलता है।







