उत्तराखण्ड
सत्यापन में सक्रिय, पर अपराधों पर सुस्त क्यों है नैनीताल पुलिस?
सत्यापन में सक्रिय, पर अपराधों पर सुस्त क्यों है नैनीताल पुलिस?
एटम बम न्यूज़, नैनीताल।
जनपद नैनीताल पुलिस ने जिलेभर में व्यापक सत्यापन अभियान चलाया है। एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा के निर्देश पर पुलिस, एसएसबी, पीएसी और अन्य इकाइयों ने मिलकर फड़-रेहड़ी संचालकों, किरायेदारों, मजदूरों, घरेलू सहायकों और बाहरी व्यक्तियों का सघन सत्यापन किया।
हल्द्वानी के राजपुरा, गफूर बस्ती और इंदिरानगर में अभियान के दौरान 158 बाहरी व्यक्तियों का सत्यापन किया गया, जबकि 17 लोगों के खिलाफ पुलिस एक्ट के तहत चालानी कार्रवाई करते हुए ₹10,000 जुर्माना वसूला गया।
अभियान में उतरे आला अधिकारी भी
एसपी सिटी प्रकाश चंद्र, क्षेत्राधिकारी हल्द्वानी नितिन लोहनी, सीओ रामनगर सुमित पांडे और सीओ लालकुआं दीपशिखा स्वयं गलियों में जाकर सत्यापन की निगरानी करते दिखे। पुलिस के अनुसार, इस तरह की सघन कार्रवाई संदिग्ध व आपराधिक तत्वों पर अंकुश लगाने के लिए जरूरी है।
❓ लेकिन बड़ा सवाल यह है कि…
क्या पुलिस की सक्रियता सिर्फ सत्यापन तक ही सीमित है?
जनता सवाल उठा रही है कि जब बात अपराध रोकने की हो, तब पुलिस की यही मुस्तैदी क्यों नहीं दिखती?
- हल्द्वानी, रामनगर और लालकुआं में हालिया दिनों में सड़क पर गुंडागर्दी,चोरी,नशा और सरेआम मारपीट की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
- लेकिन कई दोषियों को पकड़ना तो पुलिस उनकी शिनाख्त तक नही कर पाई हैँ और पीड़ित इंसाफ के लिए भटक रहे हैं।
- कई मामलों में न तो सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, न ही गश्त बढ़ाई गई।
🔎 जनता में बढ़ रही है नाराजगी
पुलिस हर अभियान में शक्ति प्रदर्शन तो करती है, लेकिन जब नागरिकों की सुरक्षा की बात आती है, तो वह अक्सर फॉर्मल कार्रवाई तक ही सीमित रह जाती है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है –
“क्या पुलिस जनता को डराने के लिए सक्रिय है, या अपराध रोकने के लिए?”
📢 पुलिस की अपील
हालांकि पुलिस ने एक बार फिर अपील जारी की है कि नागरिक अपने किरायेदारों, मजदूरों और घरेलू सहायकों का समय से सत्यापन कराएं। सत्यापन न कराना दंडनीय अपराध है और इसके लिए जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस या डायल 112 पर दें।
✍️ संपादकीय टिप्पणी:
सत्यापन अभियान सराहनीय है, लेकिन अपराध रोकने में यही सख्ती दिखाना जरूरी है।
पुलिस को “कागज़ी कार्रवाई” से बाहर निकलकर जमीनी स्तर पर प्रभावशाली कार्रवाई करनी होगी।
जनता अब सिर्फ चालान और फोटोशूट से संतुष्ट नहीं है, उसे सुरक्षा चाहिए… भरोसा चाहिए।







