उत्तराखण्ड
मालधन में शराब के खिलाफ बिगुल, 3 मई को चक्का जाम और धरने की तैयारी में जुटीं महिलाएं
मालधन में शराब के खिलाफ बिगुल, 3 मई को चक्का जाम और धरने की तैयारी में जुटीं महिलाएं
रामनगर/मालधन।
“नशा नहीं, इलाज दो”—इसी हुंकार के साथ मालधन क्षेत्र की महिलाओं ने शराब के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। मालधन गोपाल नगर नं. 6 में खोली गई शराब की दुकान को तत्काल बंद कराने और क्षेत्र में नशे के अवैध कारोबार पर पूरी तरह से रोक लगाने की मांग को लेकर महिला एकता मंच ने बैठक कर 3 मई को चक्का जाम और धरना करने की रणनीति तैयार कर ली है।
बैठक में महिलाओं ने दो टूक कहा—“विकास का मतलब शराब की दुकानें नहीं, बल्कि अस्पतालों में इलाज की सुविधाएं और युवाओं के लिए रोजगार होना चाहिए।” बैठक में तय किया गया कि “नशा नहीं, इलाज दो” अभियान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत 29 अप्रैल को मालधन नं. 2 के पंचायत भवन में सुबह 11 बजे से महिलाओं, जन संगठनों और जन प्रतिनिधियों की बड़ी बैठक बुलाई गई है।
बैठक में भगवती देवी ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि रामनगर उपजिलाधिकारी ने शराब की दुकान को 25 अप्रैल तक बंद कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन दो दिन बीत जाने के बाद भी ठेका चालू है। इससे क्षेत्र में महिलाओं और युवाओं में भारी आक्रोश है।
महिला एकता मंच ने मांग की है कि मालधन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सर्जन, निश्चेतक, बाल रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की तत्काल नियुक्ति हो। साथ ही वर्षों से डम्प पड़ी एक्सरे मशीन को चालू किया जाए और अल्ट्रासाउंड व 24X7 इमरजेंसी जैसी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
बैठक में विनीता टम्टा, पुष्पा देवी, देवी आर्य, सरस्वती जोशी, कौशल्या चुनियाल, गंगा देवी, सलोनी, नीतू, भावना, लक्ष्मी रजनी समेत बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद रहीं। सभी ने क्षेत्र की जनता से अपील की है कि 29 अप्रैल को आयोजित होने वाली बैठक में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और 3 मई को चक्का जाम व धरने को ऐतिहासिक बनाएं।
महिलाओं का संकल्प साफ है — अब नशे को नहीं, इलाज और विकास को मिलेगा समर्थन।




