उत्तराखण्ड
महिला एकता मंच का ऐलान: शराब की दुकानें बंद न हुईं तो होगा भाजपा के खिलाफ महिलाओं का आंदोलन
महिला एकता मंच का ऐलान: शराब की दुकानें बंद न हुईं तो होगा भाजपा के खिलाफ महिलाओं का आंदोलन
रामनगर (नैनीताल)।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उत्तराखंड में नई शराब की दुकानें खोलने पर रोक लगाने की घोषणा को महिला एकता मंच ने “फर्जी” करार दिया है। मंच ने ‘नशा रहित इलाज दो’ अभियान को आगे बढ़ाने की घोषणा की है। इसी कड़ी में 15 अक्टूबर को मालधन क्षेत्र में व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा, जबकि 16 अक्टूबर से मालधन नंबर 6 में खुली शराब की दुकान के सामने धरना-प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।
महिला एकता मंच की संयोजक ललिता रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश के दो दिन बाद भी मालधन की शराब की दुकान खुली है और धड़ल्ले से शराब की बिक्री हो रही है। उन्होंने भाजपा महिला मोर्चा पर तंज कसते हुए कहा कि मानसिक रूप से दिवालिया हो चुके महिला संगठन के प्रतिनिधि आज तक धरने पर बैठी महिलाओं से मिलने तक नहीं आए। इसके विपरीत, बिना किसी आदेश की पूर्ण अनुपालना के ही मिठाइयां बांटकर फोटो वायरल कर रहे हैं।
पुष्पा नाम की एक अन्य महिला ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस स्थान पर शराब की दुकान खुली है, वह एक भाजपा महिला नेत्री की है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद दुकान पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
सरस्वती जोशी ने भाजपा को “शराब माफियाओं की पार्टी” बताते हुए कहा कि यह पार्टी पैसे के लिए समाज को नशे की गर्त में धकेल रही है। उन्होंने महिलाओं से आह्वान किया कि अब समय आ गया है कि भाजपा से नाता तोड़कर अपने हक के लिए संघर्ष किया जाए।
भगवती आर्य ने कहा कि मालधन की जनता स्वास्थ्य सेवाओं की मांग कर रही है, परंतु सरकार अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने की बजाय शराब परोस रही है। उन्होंने बताया कि मालधन की शराब दुकान से सालाना दो करोड़ रुपये की बिक्री का लक्ष्य रखा गया है, यानी प्रतिदिन करीब 80 हजार रुपये की शराब बेची जाएगी, जो सीधे तौर पर जनता की जेब पर डाका है।
विनीता टम्टा ने चेतावनी दी कि यदि मुख्यमंत्री ने शराब की दुकान बंद करने का अपना वादा नहीं निभाया, तो महिलाएं भाजपा के जनप्रतिनिधियों का विरोध शुरू करेंगी।
अब देखना यह होगा कि सरकार महिला एकता मंच की इस चेतावनी को कितना गंभीरता से लेती है।




