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उत्तराखण्ड

महिला दिवस पर महिला एकता मंच का हुंकार: संघर्षों की विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प

महिला दिवस पर महिला एकता मंच का हुंकार: संघर्षों की विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प

रामनगर (नैनीताल), 8 मार्च – अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला एकता मंच द्वारा ग्राम पूछड़ी, रामलीला मैदान में एक भव्य आम सभा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में महिला अधिकारों, समाज में उनकी स्थिति और सरकारी नीतियों की आलोचना को लेकर जोरदार चर्चाएं हुईं।

महिला अधिकारों की लड़ाई आज भी अधूरी

सभा का संचालन कर रहीं सरस्वती जोशी ने कहा कि 8 मार्च केवल उत्सव नहीं, बल्कि महिलाओं के संघर्षों की पहचान और उनके अधिकारों के लिए लड़ाई का प्रतीक है। उन्होंने 1857 में न्यूयॉर्क की टेक्सटाइल मजदूर महिलाओं के ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, फिर भी उन्हें उनका हक पूरी तरह नहीं मिला।

सभा को संबोधित करते हुए शांति मेहरा ने सरकार से 8 मार्च को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा,
“देश में हर पर्व-त्योहार पर छुट्टी दी जाती है, लेकिन महिला दिवस पर नहीं। यह सरकारों की पुरुष प्रधान मानसिकता को दर्शाता है।”

समाजवाद में ही महिलाओं की असली समानता संभव

सीमा तिवाड़ी ने कहा कि समाजवाद में ही महिलाओं को वास्तविक समानता मिल सकती है। उन्होंने कहा,
“महिलाओं को बराबरी सिर्फ नारों से नहीं मिलेगी, बल्कि इसके लिए ठोस नीतियां बनानी होंगी।”

वहीं, तुलसी जोशी ने सरकार की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना को छलावा करार दिया। उन्होंने कहा,
“हम महिलाएं घर के अंदर भी असुरक्षित हैं और बाहर भी। जो भी अधिकार हमें मिले हैं, वे संघर्षों की देन हैं, न कि सरकारों की मेहरबानी।”

UCC का विरोध, महिला सुरक्षा पर सवाल

मंच की संयोजक ललिता रावत ने उत्तराखंड में लागू किए गए UCC (समान नागरिक संहिता) को जनता की निजता का हनन बताया। उन्होंने कहा,
“UCC महिलाओं को अधिकार देने के बजाय उनके निजी मामलों में दखल देता है। इसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए।”

महिला दिवस के अन्य कार्यक्रमों की घोषणा

कार्यक्रम में कौशल्या चुनियाल ने जानकारी दी कि 10 मार्च को ग्राम सुंदरखाल और 11 मार्च को ग्राम वीरपुर लच्छी में भी महिला दिवस के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सजी सभा

इस मौके पर महिलाओं व किशोरियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए, जिससे सभा में एक उत्साहजनक माहौल बना।

सामाजिक संगठनों का समर्थन

सभा को किसान संघर्ष समिति के महेश जोशी, समाजवादी लोक मंच के जमन आर्य, साइंस फॉर सोसाइटी के गिरिश आर्य और ऊर्बादत्त नैनवाल समेत कई समाजसेवियों ने संबोधित किया।

कार्यक्रम में धना तिवाड़ी, ममता, भगवती नेगी, सुनीता, सीमा, हिमानी, महक, सूरज, संजय रावत, बालादत्त कांडपाल, किसन शर्मा और बी.डी. नैनवाल समेत बड़ी संख्या में महिलाएं और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए।

➡️ महिला एकता मंच का यह आयोजन न केवल महिला सशक्तिकरण का मंच बना, बल्कि समाज और सरकार को यह संदेश भी दिया कि महिलाओं की लड़ाई अब और तेज होगी।

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