उत्तराखण्ड
रामनगर: महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के विरोध में महिला संगठनों ने निकाला जुलूस
रामनगर (नैनीताल) देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के विरोध में आज रामनगर में महिला एकता मंच, जागृति ग्राम संगठन, और महिला मंगल ने एकजुट होकर जुलूस निकाला। उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की और समाज में महिलाओं की असुरक्षा पर आक्रोश जताया।
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने ग्राम हिम्मतपुर डोटियाल से सांवल्दे तक जुलूस निकाला। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारा देश महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित बनता जा रहा है। महिलाएं अब न घर के अंदर सुरक्षित हैं और न ही बाहर।
जुलूस के दौरान महिलाओं ने देश भर में हाल ही में हुए महिला अपराधों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कोलकाता की एक डॉक्टर के साथ बलात्कार के बाद उसकी निर्ममता से हत्या कर दी गई, रुद्रपुर की एक नर्स का अपहरण कर हत्या कर दी गई, और बिहार में एक दलित छात्रा के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि देश में हर 15 मिनट में एक बलात्कार की घटना दर्ज होती है, जो महिलाओं की स्थिति को दर्शाता है।
महिला एकता मंच की संयोजक ललिता रावत ने कहा कि 2012 के निर्भया गैंग रेप कांड के बाद भले ही सख्त कानून बनाए गए हों, लेकिन महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कोई कमी नहीं आई है। उन्होंने राजनीतिक दलों पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये दल महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर एक-दूसरे को दोषी ठहराकर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन महिलाएं अभी भी सुरक्षित नहीं हैं।
चम्पा पांडे ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए समाज की मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। साथ ही, उन्होंने पोर्नोग्राफी और सोशल मीडिया, फिल्मों, और विज्ञापनों में महिलाओं के अश्लील चित्रण पर सख्ती से रोक लगाने की अपील की।
इस विरोध प्रदर्शन में कविता नेगी, चन्द्रकला, सरस्वती जोशी, गंगा, लता पंत, अंजलि रावत और अन्य महिलाएं भी शामिल थीं। सभी ने एक स्वर में महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।