उत्तराखण्ड
40 दिन से उबाल पर पाटकोट! शराब ठेके के खिलाफ उठी महिला क्रांति, भूख हड़ताल की दी चेतावनी—पुलिस-आबकारी की मिलीभगत पर गंभीर आरोप
40 दिन से उबाल पर पाटकोट! शराब ठेके के खिलाफ उठी महिला क्रांति, भूख हड़ताल की दी चेतावनी—पुलिस-आबकारी की मिलीभगत पर गंभीर आरोप
रामनगर:
उत्तराखंड के पाटकोट गांव में आज आंदोलन का 40वां दिन है, लेकिन शासन-प्रशासन की कान पर जूं तक नहीं रेंगी। शराब की दुकान खोलने के खिलाफ महिलाएं पिछले 40 दिनों से सड़क पर डटी हैं, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई ठोस और लिखित कार्यवाही नहीं की गई है।
गांव की महिलाओं ने शनिवार को आक्रोश जताते हुए आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन पर सीधा हमला बोला। महिलाओं का कहना है कि ठेकेदार के लोगों को खुली छूट देने में इन दोनों विभागों की मिलीभगत है। उन्होंने आरोप लगाया कि गांव के युवाओं को शराब की दुकान खुलवाने के लिए पैसे और अन्य लालच देकर बहकाया जा रहा है।
महिलाओं ने चेताया कि यह सिर्फ शराब का मामला नहीं है, बल्कि यह गांव के सामाजिक तानेबाने को बिगाड़ने की सोची-समझी साजिश है। अगर अब भी शासन-प्रशासन नहीं चेता, तो आंदोलन को और तीखा किया जाएगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस और भूख हड़ताल की चेतावनी
आंदोलनरत महिलाओं ने एलान किया कि यदि जल्द ही पाटकोट रोड से शराब का ठेका हटाया नहीं गया, तो वे अपने बच्चों के साथ भूख हड़ताल पर बैठेंगी। साथ ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आबकारी और पुलिस महकमे की गठजोड़ के खिलाफ सबूतों के साथ सख्त कार्रवाई की मांग करेंगी।
धरने में शामिल महिलाओं—पूनम, तुलसी, कविता, मोहिनी, गुड्डी, हेमा, हिमानी, बचुली, हंसी, प्रभावती, पूजा और दया ने एक स्वर में कहा कि अगर सरकार इस शांतिपूर्ण आंदोलन को भी अनदेखा करती है, तो अगला कदम उग्र आंदोलन होगा।
“पाटकोट नहीं झुकेगा”—ये सिर्फ नारा नहीं, अब गांव की आवाज बन चुका है।




