उत्तराखण्ड
महिलाओं पर बढ़ते अपराधों पर महिला एकता मंच ने जताई चिंता।
रामनगर। महिला एकता मंच ने श्रद्धा हत्याकांड व देश में महिलाओं के साथ बढ़ रहे अपराधों पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
महिला एकता मंच की पैठ पड़ाव में संपन्न हुई बैठक में मंच की संयोजका ललिता रावत ने कहा कि आज देश में महिलाएं ना तो घर में सुरक्षित है और ना ही घर के बाहर। उन्होंने श्रद्धा के उसके ही प्रेमी आफताब पूनावाला द्वारा किए गए 35 टुकड़ों की घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आजादी के 75 वर्षों बाद भी समाज की महिलाओं के प्रति सोच नहीं बदली है। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व नैना साहनी को सुशील शर्मा ने तंदूर में जलाकर मार दिया गया था तथा देहरादून में राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी अनुपमा की श्रद्धा की तरह से हत्या करके उसके करके फ्रिज में रख दिये था।
कौशल्या ने कहा कि देश की राजनीतिक पार्टियां महिलाओं की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक स्थिति में परिवर्तन लाकर महिलाओं को वास्तविक रूप से बराबरी का दर्जा देने व पितृसत्ता की जकड़न से बाहर निकालने की जगह श्रद्धा की हत्या को मुद्दा बनाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रही है तथा घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है।
सरस्वती ने कहा कि उत्तराखंड में अंकिता की हत्या आर.एस. एस नेता के बेटे द्वारा कर दी गई थी। उत्तराखंड की जनता इस मामले की सीबीआई जांच चाहती है परंतु उत्तराखंड की भाजपा सरकार वीआईपी को बचाने के लिए सीबीआई जांच के लिए तैयार नहीं है परन्तु श्रद्धा के मामले को लेकर भाजपा के नेता राजनीति कर रहे हैं।
बैठक में महिलाओं ने आगामी 3 जनवरी को देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के जन्मदिन पर ग्राम कालू सिद्ध में कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया।
बैठक में नीमा आर्या, कमला देवी, शाहिस्ता, शान्ति देवी ,पुष्पा जोशी,भावना देवी,भगवती नेगी,लीला जलाल,तुलसी रावत,बिमला देवी,मीरा देवी,दीपा देवी, समेत दर्जनों महिलाएं ने भागीदारी की।